Patrika Raksha Kavach Abhiyaan: ठगों ने बदला अपना पैंतरा, बिना ओटीपी भी लूट रहे पैसा
सीबीआई और ईडी अफसर बन लोगों को डराकर ठगी करने वाले लुटेरे नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। अब
ठगों ने मोबाइल में छिपे सीक्रेट नंबर का इस्तेमाल ठगी में करना शुरू कर दिया है। वे सिम कार्ड बंद होने का झांसा देकर लोगों को मोबाइल में छिपे 21 या 67 जैसे सीक्रेट कोड डायल करने को कहते हैं। इसे डायल करते ही फोन ठग के इशारों पर नाचने लगते हैं। इसमें ओटीपी नहीं आती, सीधे खाते खाली हो रहे हैं।
जागरुकता से ही बचाव
बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह ने कहा कि बैंकिंग एपीके फ्रॉड साइबर ठगों का एक पैंतरा है। जिससे बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है। कभी भी बिना जांचे-परखे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें और अनजान स्रोतों से एप्लिकेशन डाउनलोड न करें। किसी भी अनजान लिंक को खोलने से पहले उसकी जांच करें। कोई भी ऐप इंस्टॉल करते समय ध्यान दें कि वह कौन-कौन सी अनुमति मांग रहा है। अपने मोबाइल में एंटीवायरस ऐप इंस्टॉल करें, जो संदिग्ध फाइलों और ऐप्स को ब्लॉक कर सके। यदि आपके साथ ऐसा कोई फ्रॉड होता है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें। अपनी बैंकिंग और व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखना आपकी जिम्मेदारी है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।
ठगी के ऐसे तरीके भी, रहें सतर्क
लकी ड्रॉ: जालसाज मोबाइल पर लकी ड्रॉ खुलने का मैसेज भेजते हैं। क्लिक करते ही खाते से रुपए पार। बिल नहीं भरा: बिजली या गैस बिल न भरने पर कनेक्शन काटने का डर दिखाते हैं। फिर लिंक भेजते हैं। क्लिक करते ही खाते से रुपए गायब हो रहे हैं। केवायसी: बैंक व सरकारी दफ्तर के नाम से फोन कर अधूरी केवायसी का हवाला देते हैं। लिंक भेजते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही खाते से रुपए निकल जाते हैं। वेबसाइट पर फर्जीवाड़ा: सरकारी महकमे, होटल की फर्जी वेबसाइट बना ठग फर्जी कस्टमर केयर नंबर डालते हैं। बुकिंग करते लोग ठगे जाते हैं।
जॉब स्कैम: वेबसाइट, मोबाइल पर नौकरी के विज्ञापन का लिंक भेजते हैं। क्लिक करते ही फीस के नाम पर ठगी।
सावधान! नंबरों से ऐसे ठगी
ठग कहते हैं, आपका सिम कार्ड कुछ देर में बंद हो जाएगा। चालू रखने के लिए मोबाइल से 21 डायल करें। इसे डायल करते ही कॉल फॉरवर्ड हो रही है और रुपए खाते से पार हो रहे हैं। बैंक खाते की केवाइसी के नाम पर ठग मैसेज भेजते हैं। ठग सीक्रेट कोड के साथ अपने या साथी का नंबर भेजता है। डायल करते ही फोन ठगों के इशारों पर काम करने लगता है।
बैंक से क्रेडिट कार्ड का ऑफर देने के नाम पर एपीके (एंड्राइड पैकेजिंग किट मालवेयर) फाइल मैसेज में भेजकर ठग मोबाइल हैक कर रहे हैं। परिचित की आवाज में ठग फर्जी बैंक ट्रांजेक्शन का मैसेज भेजते हैं। इसमें परिचित की मेडिकल इमरजेंसी का हवाला देकर रुपए ऐंठ लेते हैं।
सरकारी योजनाओं का हवाला देकर या पैन कार्ड बदलने, अपडेट करने के लिए वेब एड्रेस भेजते हैं। क्लिक करते नंबर व जानकारी मांगते हैं, ओटीपी भेजे बिना ही फोन हैक हो जाता है। फोन पर ठग कहते हैं, डिलीवरी बॉय पार्सल लेकर आपका पता ढूंढ़ रहा है। आपको उसका नंबर भेजा है, उसे पता बता दें। जैसे ही नंबर डायल करते हैं, ठगे जाते हैं।