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15 साल से कर रहे पदयात्रा: चांटीडीह निवासी प्रफुल्ल तिवारी बताते हैं कि वे पिछले 15 साल से हर बार नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर पैदल रतनपुर मां महामाया का दर्शन करने जा रहे हैं। वहां दर्शन प्राप्त करने के बाद वर्ष भर रिचार्ज रहते हैं।
15 साल से कर रहे पदयात्रा: चांटीडीह निवासी प्रफुल्ल तिवारी बताते हैं कि वे पिछले 15 साल से हर बार नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर पैदल रतनपुर मां महामाया का दर्शन करने जा रहे हैं। वहां दर्शन प्राप्त करने के बाद वर्ष भर रिचार्ज रहते हैं।
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बैमा-नगोई, मल्हार भी पहुंचे भक्त: रतनपुर की ही तरह बैमा-नगोई की मां महामाया देवी व मल्हार की मां डिडिनेश्वरी देवी मंदिर में भी पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु शाम को रवाना हुए। संधिकाल में मां की पूजा-आरती की।
बैमा-नगोई, मल्हार भी पहुंचे भक्त: रतनपुर की ही तरह बैमा-नगोई की मां महामाया देवी व मल्हार की मां डिडिनेश्वरी देवी मंदिर में भी पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु शाम को रवाना हुए। संधिकाल में मां की पूजा-आरती की।
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संधिकाल में मां की आराधना फलदायी: पं. ओंकार अग्निहोत्री के अनुसार नवरात्रि पर्व की सप्तमी व अष्टमी तिथि के मिलन को संधिकाल माना गया है। इस समय काल में पूजा विशेष शुभ व सिद्धिदायक होती है। अत: इस अवयर पर बहुत से श्रद्धालु रतजगा करते हुए मां आदिशक्ति की पूजा-आराधना मे जुटे रहे।
संधिकाल में मां की आराधना फलदायी: पं. ओंकार अग्निहोत्री के अनुसार नवरात्रि पर्व की सप्तमी व अष्टमी तिथि के मिलन को संधिकाल माना गया है। इस समय काल में पूजा विशेष शुभ व सिद्धिदायक होती है। अत: इस अवयर पर बहुत से श्रद्धालु रतजगा करते हुए मां आदिशक्ति की पूजा-आराधना मे जुटे रहे।
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12 साल से महामाया का दर्शन करने पहुंच रहे अरविंद: मंगला निवासी अरविंद शर्मा पिछले 12 साल से नवरात्रि में पद यात्रा करते हुए मां महामाया दर्शन करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हर वर्ष उन्हें नवरात्रि का इंतजार रहता है। नौ दिन व्रत रहते हुए वे सप्तमी पर मां महामाया का दर्शन करने हर हाल में पैदल जाजे हैं।
12 साल से महामाया का दर्शन करने पहुंच रहे अरविंद: मंगला निवासी अरविंद शर्मा पिछले 12 साल से नवरात्रि में पद यात्रा करते हुए मां महामाया दर्शन करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हर वर्ष उन्हें नवरात्रि का इंतजार रहता है। नौ दिन व्रत रहते हुए वे सप्तमी पर मां महामाया का दर्शन करने हर हाल में पैदल जाजे हैं।
श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे रहे समाजसेवी…
पदयात्रियों की सेवा के लिए रास्ते भर लगभग 100 से अधिक समाजसेवी संस्थाओं ने स्टाल लगा रखे थे। यहां श्रद्धालुओं को चाय, पानी, शरबत, काफी, फल व फलाहारी सामग्रियां वितरित की गईं। स्टालों में रुक कर पदयात्रियों ने अपनी थकान मिटाई और आगे की यात्रा पूरी की। दर्जनों श्रद्धालु जमीन पर लोटते हुए भी रतनपुर पहुंचे।
पदयात्रियों की सेवा के लिए रास्ते भर लगभग 100 से अधिक समाजसेवी संस्थाओं ने स्टाल लगा रखे थे। यहां श्रद्धालुओं को चाय, पानी, शरबत, काफी, फल व फलाहारी सामग्रियां वितरित की गईं। स्टालों में रुक कर पदयात्रियों ने अपनी थकान मिटाई और आगे की यात्रा पूरी की। दर्जनों श्रद्धालु जमीन पर लोटते हुए भी रतनपुर पहुंचे।
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सप्तमी: हुई मां की आराधना सप्तमी पर शनिवार को श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप कालरात्रि की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर गोंड़पारा स्थित हरदेवलाल मंदिर, तेलीपारा स्थित मां दुर्गा व काली मंदिर, जवाली पुल के समीप स्थित मां दुर्गा, काली व लक्ष्मी मंदिर, दयालबंद स्थित मां शीतला व दुर्गा मंदिर, जरहाभाठा चौक स्थित आदिशक्ति मां दुर्गा मंदिर, तालापारा स्थित मरीमाई, तिफरा स्थित काली व महामाया मंदिर सहित मां कालरात्रि की पूजा की गई।
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सप्तमी: हुई मां की आराधना सप्तमी पर शनिवार को श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप कालरात्रि की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर गोंड़पारा स्थित हरदेवलाल मंदिर, तेलीपारा स्थित मां दुर्गा व काली मंदिर, जवाली पुल के समीप स्थित मां दुर्गा, काली व लक्ष्मी मंदिर, दयालबंद स्थित मां शीतला व दुर्गा मंदिर, जरहाभाठा चौक स्थित आदिशक्ति मां दुर्गा मंदिर, तालापारा स्थित मरीमाई, तिफरा स्थित काली व महामाया मंदिर सहित मां कालरात्रि की पूजा की गई।
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अष्टमी: आज महागौरी की आराधना अष्टमी पर रविवार को हवन-अनुष्ठान के साथ मां आदिशक्ति के अष्टम स्वरूप ‘महागौरी’ की आराधना की जाएगी। श्रद्धालु अपने-अपने घरों में कन्या भोज कराकर महागौर की पूजा करेंगे। मंदिरों में भी हवन-अनुष्ठान के साथ कन्या पूजन व भोज का आयोजन होगा।