उद्घाटन के अवसर पर स्थायी लोक अदालत के सभापति नारायण सिंह, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के उपसचिव अभिषेक शर्मा, अवर सचिव श्वेता श्रीवास्तव, जिला कोर्ट के न्यायाधीशगण, परिवार न्यायालय के न्यायाधीश राठीया, परिवार न्यायालय के काउंसलर समेत कर्मचारी उपस्थित थे।
प्रदेश में पहला : कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के विनोद कुजूर ने कहा, यायालय में प्रकरणों की सुनवाई के वक्त जब माता-पिता न्यायालय कक्ष में रहते हैं, उस समय से लेकर प्रकरण की सुनवाई समाप्त होने तक कई बार मैंने बच्चों के माता- पिता को परेशान होते देखा है। इसे देखकर मुझे यह विचार आया कि क्यों न इन बच्चों के लिए कुछ व्यवस्था की जाए, जिससे उन्हें घर जैसा वातावरण मिल सके। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने इसकी शुरुआत कर नई पहल की है। प्रदेश के किसी भी परिवार न्यायालय में इस ऐसी व्यवस्था अब तक नहीं थी। ये एक शुरुआत है, इसे अन्य जगहों पर भी शुरू करने पर विचार किया जाएगा।
प्रदेश में पहला : कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के विनोद कुजूर ने कहा, यायालय में प्रकरणों की सुनवाई के वक्त जब माता-पिता न्यायालय कक्ष में रहते हैं, उस समय से लेकर प्रकरण की सुनवाई समाप्त होने तक कई बार मैंने बच्चों के माता- पिता को परेशान होते देखा है। इसे देखकर मुझे यह विचार आया कि क्यों न इन बच्चों के लिए कुछ व्यवस्था की जाए, जिससे उन्हें घर जैसा वातावरण मिल सके। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने इसकी शुरुआत कर नई पहल की है। प्रदेश के किसी भी परिवार न्यायालय में इस ऐसी व्यवस्था अब तक नहीं थी। ये एक शुरुआत है, इसे अन्य जगहों पर भी शुरू करने पर विचार किया जाएगा।