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Mothers Day Special: जानिए बिलासपुर की एनिमल लवर के बारे में, सैकड़ों विकलांग, बेजुबान और आवारा जानवरों को गोद लेकर करती हैं देखभाल

Mothers day 2024: निधि बताती हैं कि उनके इंस्टाग्राम से करीब 4 लाख यूजर जुड़े हुए हैं। उन्ही में से कुछ लोग समय-समय पर उन्हें आर्थिक सहायता देते रहते हैं।

बिलासपुरMay 12, 2024 / 02:00 pm

Shrishti Singh

Bilaspur News: समाज में ऐसे कम लोग होते हैं जो लावारिस व बेजुबान घायल पशुओं की देखभाल के लिए खुद को समर्पित कर दें। इनमें से एक हैं कुदुदंड निवासी 28 वर्षीय निधि तिवारी, जो पिछले 5 साल से ऐसे पशुओं की मां की तरह देखभाल कर रही हैं। निधि ने बताया कि वह पिछले 5 साल से बेजुबान जानवरों की सेवा व देखरेख करती आ रही हैं। वह इसे अपनी जिम्मेदारी मानती हैं। निधि न सिर्फ गौ वंश बल्कि कुत्ते, बिल्ली, बंदर समेत अन्य जानवरों का रेस्क्यू कर उनका इलाज कर चुकी हैं। उनका कहना है कि बचपन से ही उन्हें जानवरों से बेहद लगाव है। यही वजह है कि हमेशा इनकी हर संभव सेवा कर रही हैं।

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100 से अधिक पालतू पशु को आश्रय

पशु व जानवरों की देखभाल के लिए उन्होंने जीव आश्रय नाम नाम की एक संस्था भी शुरू की है। इसके अलावा शेल्टर होम बना रखा है। यहां मौजूदा समय में 100 से अधिक गौवंशीय पशुओं के अलावा, कुत्ते, बिल्ली हैं।

परिवार ने दिया साथ

निधि ने बताया कि पशुओं की सेवा करने का भाव उनकी मां की वजह से आया। जब उन्होंने पशुओं के देख-भाल की शुरुआत की उस वक्त उनके माता-पिता ने उनका पूरा साथ दिया। हमेशा अच्छा करने के लिए मोटिवेट करते रहे।

सोशल मीडिया पर भी सक्रिय

निधि वैसे तो स्वयं के खर्च पर पशुओं की देखभाल करती हैं, पर वर्तमान में सोशल मीडिया प्लेटफार्म की सहायता से भी उन्हें अब आर्थिक सपोर्ट मिल रहा है। निधि बताती हैं कि उनके इंस्टाग्राम से करीब 4 लाख यूजर जुड़े हुए हैं। उन्ही में से कुछ लोग समय-समय पर उन्हें आर्थिक सहायता देते रहते हैं।

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जानकारी मिलते ही पहुंच जाती हैं मौके पर, शेल्टर होम में इलाज

निधि अब तक 10 हजार से अधिक पशुओं का रेस्क्यू कर चुकी हैं। इसमें स्वान, बिल्लियां, पक्षी, गाय, बंदर जैसे अनेक जीवा शामिल हैं। किसी भी जीव के घायल होने की सूचना मिलने पर निधि वहां अपने साधन से पहुंच कर उनका उपचार कराती हैं। जब तक वह पशु-पक्षी पूरी तरह स्वस्थ न हो जाए, उन्हें अपने शेल्टर होम में ही रखती हैं। उनके स्वस्थ हो जाने पर वह उन्हें लाए गए स्थान पर छोड़ देती हैं।

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