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कोटा विधानसभा…..
कोटा विधानसभा के लिए भाजपा, कांग्रेस व आप ने अपने पत्ते खोल दिए हैं, लेकिन जेसीसीजे ने अभी चुप्पी साध रखी है। हालांकि वर्तमान में जेसीसीजे से रेणु जोगी कोटा की विधायक हैं। बीते विधानसभा चुनाव के पहले अजीत जोगी ने जब पार्टी बनाई थी, तब रेणु जोगी कांग्रेस में ही थीं, लेकिन अंतिम मौके तक इंतजार करने के बाद कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने की वजह से उन्होंने जेसीसीजे से चुनाव लड़ा था। यह विधानसभा रेणु जोगी के लिए अभेद किला जैसा बन चुका है।
कोटा विधानसभा…..
कोटा विधानसभा के लिए भाजपा, कांग्रेस व आप ने अपने पत्ते खोल दिए हैं, लेकिन जेसीसीजे ने अभी चुप्पी साध रखी है। हालांकि वर्तमान में जेसीसीजे से रेणु जोगी कोटा की विधायक हैं। बीते विधानसभा चुनाव के पहले अजीत जोगी ने जब पार्टी बनाई थी, तब रेणु जोगी कांग्रेस में ही थीं, लेकिन अंतिम मौके तक इंतजार करने के बाद कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने की वजह से उन्होंने जेसीसीजे से चुनाव लड़ा था। यह विधानसभा रेणु जोगी के लिए अभेद किला जैसा बन चुका है।
यह भी पढ़ें: Navratri 2023: चलो बुलावा आया है, मां महामाया ने बुलाया है… इस किले पर सेंध मारना आसान नहीं है, लेकिन इस बार किले को ढहाने के लिए भाजपा से प्रबल प्रताप व कांग्रेस से सीएम के करीबी अटल श्रीवास्तव को मैदान पर उतारा गया है। हालांकि अभी जेसीसीजे ने कोटा से प्रत्याशी की घोषणां नहीं की है। बतादें कि जूदेव और जोगी परिवार के बीच पुराने समय से तकरार चलती आ रही है।
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गौरतलब है कि 2003 में भाजपा नेता स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास को बदल दिया था। अपनी मूंछों को दांव पर लगाकर 2003 के चुनाव में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हराया था। जीत के परचम के साथ भाजपा ने नया इतिहास लिख दिया था।
गौरतलब है कि 2003 में भाजपा नेता स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास को बदल दिया था। अपनी मूंछों को दांव पर लगाकर 2003 के चुनाव में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हराया था। जीत के परचम के साथ भाजपा ने नया इतिहास लिख दिया था।
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बड़े-बड़े पदाधिकारी हो गए थे कांग्रेस में शामिल
मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ को जब अलग किया गया था, तब भाजपा के सांसद, विधायक, महापौर, सरपंच समेत बड़े पदाधिकारी धीरे-धीरे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने ताकत झोंकते हुए भाजपा को 2003 में विजय दिला दी थी।
बड़े-बड़े पदाधिकारी हो गए थे कांग्रेस में शामिल
मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ को जब अलग किया गया था, तब भाजपा के सांसद, विधायक, महापौर, सरपंच समेत बड़े पदाधिकारी धीरे-धीरे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने ताकत झोंकते हुए भाजपा को 2003 में विजय दिला दी थी।