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बिलासपुर

High Court: हाईकोर्ट ने SECL अफसरों को थमाया नोटिस, सती मंदिर को ढहाने और मूर्ति ब्लास्ट करने का मामला

CG High Court: छत्तीसगढ़ पुरातत्व विभाग ने इस संबंध में विधिवत जांच के बाद राज्य और केंद्र सरकार को प्रतिवेदन दिया था। इस प्रतिवेदन में उन्होंने माना था कि चिरमिरी क्षेत्र में स्थित सती मंदिर 14वीं-15वीं शताब्दी का है।

बिलासपुरJul 19, 2024 / 08:40 am

Kanakdurga jha

Chhattisgarh High Court: प्राचीन मंदिर ढहाने के मामले में दिए गए एक महत्वपूर्ण आदेश का पालन न करने पर हाईकोर्ट ने चिरमिरी के एसईसीएल अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इन अधिकारियों के विरुद्ध प्रस्तुत अवमानना याचिका को स्वीकार कर संबंधित अधिकारियों को चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने वर्ष 2019 में याचिका प्रस्तुत कर हाईकोर्ट से मांग की थी कि चिरमिरी के सती मंदिर को संरक्षित किया जाए। क्योंकि यह प्राचीन स्मारक तथा पुरातात्विक स्थल है।
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अधिनियम की धारा 2 के तहत जो वस्तु 100 वर्ष से पुरानी हो जाती है वह पुरातात्विक संपत्ति घोषित हो जाती है। उसके संरक्षण की जिम्मेदारी केंद्र एवं राज्य सरकार की होती है। बता दें कि छत्तीसगढ़ पुरातत्व विभाग ने इस संबंध में विधिवत जांच के बाद राज्य और केंद्र सरकार को प्रतिवेदन दिया था। इस प्रतिवेदन में उन्होंने माना था कि चिरमिरी क्षेत्र में स्थित सती मंदिर 14वीं-15वीं शताब्दी का है। इसे संरक्षित किया जाना चाहिए। याचिका पर उच्च न्यायालय ने राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।

आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हुआ

जनता की शिकायत पर एसडीएम चिरमिरी के आदेश पर एसईसीएल के अधिकारियों के विरुद्ध थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया। साथ ही अवमानना याचिका पर दोषी अधिकारी मनीष कुमार सिंह उप क्षेत्रीय प्रबंधक बरतुंगा,अरुण चौहान उप क्षेत्रीय प्रबंधक क़ुरासिआ तथा चैनमैन राजेश्वर श्रीवास्तव को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

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