‘बदहाली के लिए जिम्मेदारों की पहचान कर ली गई’ कलेक्टर अवनीश शरण ने सिम्स की बदहाली के लिए तीन कारण बताए। इसमें पहला कारण इंफ्रास्ट्रक्चर है जिसमें 75 प्रतिशत सुधार कर लिया गया है। दूसरा कारण क्लीनिकल है जिसमेें कुछ डॉक्टर व नर्स हैं जो काम नहीं करते। कलेक्टर ने तीसरा कारण प्रबंधन की कमी को बताया। कलेक्टर ने कहा कि कुछ डॉक्टर्स के अपने क्लीनिक है। इसलिए वे सिम्स पर ध्यान नहीं देते।
कलेक्टर ने कहा कि लंबे समय से पदस्थ डॉक्टरों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इन ट्रबल मेकर्स की पहचान कर ली गई है। कलेक्टर ने कोर्ट से कहा कि व्यवस्था सुधारने के लिए एक सप्ताह का समय सिम्स प्रबंधन को दिया गया है।हाईकोर्ट के निर्देश के बाद से लगातार खामियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है। खुद चीफ सेक्रेटरी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक लेकर दिशा निर्देश दिए थे। इसके बाद से वे खुद लगातार निरीक्षण कर रहे हैं।
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चीफ जस्टिस ने डीन से पूछा- व्यवस्था सुधारने अब तक क्या किया..? सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने सिम्स के डीन डॉ. केके सहारे को भी जमकर फटकार लगाई। डीबी ने डीन से पूछा कि यहां कब से पोस्टेड हैं। डीन डॉ. सहारे ने बताया कि 2021 से यहां हैं। इस पर कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि इतने साल से आप क्या कर रहे हैं। व्यवस्था सुधर क्यों नहीं रही है। केवल निरीक्षण करना ही आपका काम नहीं है। खामियों को दूर करने के लिए आपने क्या किया है?
इस पर डीन डॉ. सहारे चुप्पी साधे रहे। वहीं कोर्ट ने कलेक्टर अवनीश शरण से अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए कहा। कलेक्टर ने सिम्स का लगातार निरीक्षण कर दिक्कतों को दूर करने की बात कही। कलेक्टर ने कहा कि व्यवस्था बनाने के लिए पीडब्यूडी, नगर निगम, सीजीएमसी सब मिलकर काम कर रहे हैं।
गुरुवार को सुबह और शाम को कलेक्टर अवनीश शरण ने सिम्स अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। मरीजों को दी जाने वाली दाल पतली होने पर खाना सप्लाई करने वाले किचन ठेकेदार फिलिप्स केटरर्स पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। वहीं डायनिक ओपडी को डेंटल ओपीडी में शिफ्ट करने के निर्देश दिए।
शाम को निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर ने पहले ओपीडी फिर डायनिक और लेबर ओटी व वार्ड का निरीक्षण किया। कलेक्टर शरण ने दूसरे वार्डों को भी काकरोज मुक्त रखने के लिए पोस्ट्रीसाइट डालने के निर्देश दिए। उन्होंने रेड क्रास से खरीदे गए 100 कंबल सिम्स के मरीजों के परिजनों को दिया। इसके बाद कलेक्टर ने जिला अस्पताल में निरीक्षण के बाद भी रेडक्रास से खरीदे गए 50 कंबल मरीजों को वितरित किया।
एक दिन पहले डायनिक ओपीडी के बाहर 100 लोगों के बैठने के लिए चेयर की व्यस्था के निर्देश पर 50 की व्यवस्था होने पर सिम्स के अधिकारियों से पूछा। अधिकारियों ने जगह नहीं होने का हवाला देते हुए बताया कि डेंटल ओपीडी के पास जगह पर्याप्त है और वहां डायनिक ओपीडी को शिफ्ट करने पर 100 लोग आसानी से बैठ सकते हैं। साथ ही डेंटल ओपीडी में मरीजों की संख्या कम होने के कारण उसे डायनिक ओपीडी में शिफ्ट किया जा सकता है। इसके बाद कलेक्टर ने सभी वार्डों का निरीक्षण किया।
मरीजों को दी जाने वाली दाल पतली होने पर उन्होंने खाने की सप्लाई करने वाले फिलिप्स केटरर्स पर 1 लाख रुपएका जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। साथ ही चेतावनी दी कि दोबारा मरीजों को पतली दाल दी जाएगी तो ठेकेदार समेत अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। फिमेल मेडिकल वार्ड में काकरोज मिलने के बाद जांच करने पहुंचे कलेक्टर को अधिकारियों ने बताया कि वार्ड में पोस्ट्रीसाइट डाला गया है । इससे वार्ड में काकरोज नहीं रहेंगे। यहां के मरीजो को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है।
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दवाइयों की सप्लाई क्यों नहीं, शपथपत्र पर जवाब दें सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि सिम्स और जिला अस्पताल में दवाइयों की कमी है। सीजीएमसी दवाइयां नहीं दे रहा है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, यह सब क्या है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर फंड दे रही है, जिसके बाद भी इस तरह की स्थिति क्यों है। दवाइयां सप्लाई नहीं करने पर डिवीजन बेंच ने सीजीएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर को शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार की मंशा के साथ हाईकोर्ट ने लगातार सिम्स की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। लगातार सिम्स की व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए निरीक्षण किया जा रहा है। दाल पतली मिलने पर खाना सप्लाई करने वाले ठेकेदार पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
– अवनीश शरण, कलेक्टर प्रकरण की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस सिन्हा ने बेंच गठित की थी। सिम्स की अव्यवस्थाएं दूर नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने कलेक्टर अवनीश शरण से कहा कि बुधवार को आप सिम्स गए थे, यह हमें अखबारों से पता चला है। आप जाइए फोटो खिंचाइए लेकिन, निरीक्षण के बाद अव्यवस्था दूर करने पर भी ध्यान देना जरूरी है।
जो खामियां मिली हैं, उन्हें दूर करना भी चाहिए। गुरुवार को केस की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कलेक्टर अवनीश शरण से पूछा कि आप बिना ड्रेस कोड के कैसे पहुंच गए हैं। कलेक्टर ने बताया कि वे ऑफिस में बैठे थे। इसी बीच उन्हें कोर्ट आना पड़ा, तब चीफ जस्टिस ने कहा कि टाई तो लगाकर आना चाहिए था।