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इस ऑडियो में जिस व्यक्ति की आवाज है और जो बड़े नेता पर करोड़ों के लेनदेन का आरोप लगा रहा है वो तो पूरे दिन जैसे राम-राम करता हुआ शरणागत बनकर सफाई देता रहा। बहरहाल तखतपुर, कोटा व बेलतरा इन तीनों सीटों पर दोनों ही दलों में कुछ न कुछ, कहीं न कहीं असंतोष दिख रहा है। आलम यह है कि प्रचार-प्रसार में तो सब साथ नजर आ रहे हैं, पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है, ये बात स्वयं प्रत्याशी भी समझ रहे हैं, इसीलिए मन ही मन सशंकित हैं। इसपर भी दूसरा तुर्रा बुधवार को सामने आया जब एक कथित ऑडियो एक असंतुष्ट की ओर से वायरल किया गया है। ऑडियो में क्या सच्चाई है ये तो जांच के बाद स्पष्ट होगा फिलहाल इस बात की चर्चा लोगों की जुबान पर है, लोग रुचि भी ले रहे हैं। यह भी पढ़ें
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कोटा सीट की बात करें तो यहां एक दल के प्रत्याशी ने चीजों को अपने स्तर पर काफी नियंत्रित किया है पर ये भी सच है कि थोड़ी बहुत लीकेज बनी हुई है। कोटा से बड़ी संख्या में कांग्रेसी टिकट की आस पाले हुए थे। जब सूची जारी हुई तो पर्यटन मंडल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव को प्रत्याशी बनाया गया। इससे बहुतों के मंसूबों पर पानी फिर गया। इधर भाजपा में स्थानीय नेता टिकट की आस में थे, लेकिन भाजपा ने भी जशपुर राजघराने के प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को टिकट दिया। बतादें कि यहां सूची जारी होने से पहले ही जब जूदेव का नाम लीकआउट हुआ था, तभी से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। अब उसका असर सतह पर दिख रहा है। यह भी पढ़ें
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कोटा सीट की बात करें तो यहां एक दल के प्रत्याशी ने चीजों को अपने स्तर पर काफी नियंत्रित किया है पर ये भी सच है कि थोड़ी बहुत लीकेज बनी हुई है। कोटा से बड़ी संख्या में कांग्रेसी टिकट की आस पाले हुए थे। जब सूची जारी हुई तो पर्यटन मंडल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव को प्रत्याशी बनाया गया। इससे बहुतों के मंसूबों पर पानी फिर गया। इधर भाजपा में स्थानीय नेता टिकट की आस में थे, लेकिन भाजपा ने भी जशपुर राजघराने के प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को टिकट दिया। बतादें कि यहां सूची जारी होने से पहले ही जब जूदेव का नाम लीकआउट हुआ था, तभी से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। अब उसका असर सतह पर दिख रहा है। यह भी पढ़ें
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चर्चा है: मुकाबला दो में, बाकी पूरा कर रहे चुनाव लड़ने का शौक….! न दिख रहा प्रचार, न जनसंपर्क में कोई शामिल, सिर्फ पोस्टर और विज्ञप्तिबाजीसभा से उलट हालात कुछ माह पहले शहर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की सभा हुई थी। इस सभा में जिस प्रकार से भीड़ उमड़ी थी उसे देखकर यह माना जा रहा था कि तीसरा विकल्प तैयार हो रहा है लेकिन उस सभा की भीड़ और वर्तमान स्थिति में काफी फर्क आ गया है।
मुकाबला तो दो में है, बाकी तो चुनाव लडऩे का शौक मिटा रहे हैं ये बातें हम नहीं आज जनता की जुबान पर है। ये बात बिलासपुर विधानसभा सीट के लिए कही जा रही है। यहां से कांग्रेस, भाजपा, आम आदमी पार्टी सहित कई दल, लोग चुनाव मैदान में हैं। लेकिन माहौल की बात करें तो पूरे शहर में जो स्थिति बन रही है उसमें मुकाबला दो दल भाजपा और कांग्रेस के बीच प्रमुख रूप से नजर आ रहा है। इसके अलावा अन्य दल या स्वतंत्र प्रत्याशी न तो लोगों की चर्चा में हैं और न ही इनके प्रचार और जनसंपर्क में कोई दम दिख रहा है। एक बात और है कि जिन प्रत्याशियों की जमीनी पकड़ साफ है वो सोशल मीडिया में जमकर डंका बजा रहे हैं। इनमें से कुछ पेज थ्री यानि फोटोबाज प्रत्याशी भी शामिल हैं। कहा ये भी जा रहा है कि कुछ दलों ने टिकट में यदि सावधानी बरती होती तो कम से कम जीत की चर्चा में तो नहीं पर मुकाबले में काउंट किए जा सकते थे।
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