उल्लेखनीय है कि आय से अधिक सपंत्ति और राजद्रोह के आरोपों में गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार ने 21 जुलाई 2023 को जीपी सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देते हुए सेवा से बाहर कर दिया था। सिंह ने इसे केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में चुनौती दी। इसी साल 30 अप्रैल को कैट ने जीपी सिंह से जुड़े सभी मामलों को निराकृत कर उनको बहाल किए जाने का आदेश दिया था।
CG News: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
कैट के फैसले के बाद राज्य शासन ने उन्हें फिर से बहाल करने के लिए केंद्र सरकार से अनुशंसा की। लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें बहाल करने के बजाय कैट के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। दिल्ली हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। यहां से भी केंद्र की याचिका खारिज कर दी गई है। (Chhattisgarh News) इससे पहले हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग केस को राजनीति से प्रेरित मानकर खारिज कर दिया है। यह है मामला?
एसीबी ने जुलाई 2021 को जीपी सिंह के सरकारी बंगले के साथ राजनांदगांव और ओडिशा के 15 अन्य ठिकानों पर छापा मारा था। इसमें 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ कई संवेदनशील दस्तावेज मिले थे। एसीबी ने जीपी सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद भूपेश सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया और उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज कराया था।
2022 में जीपी सिंह को नोएडा से किया गया गिरफ्तार
CG News: आरोप था कि जीपी सिंह सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे। 9 जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उन्हें मई 2022 में जमानत मिल गई। सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर 21 जुलाई 2023 को केंद्र सरकार ने उनको रिटायर कर दिया था।