इधर मंगला उप-स्वास्थ्य केंद्र में हड़ताल का उत्साह ऐसा कि गेट बंद करने के बाद बाकायदा नोटिस चस्पा कर दिया गया है कि ‘सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी हड़ताल में हैं…’। जबकि अस्पतालों को खुलना है। भले ही यहां सीएचओ न हों। आरएचओ व अन्य कर्मचारी मौजूद होने चाहिए। इसे देख मरीज स्वयं उलटे पांव लौट रहे हैं।
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CG Health Workers Strike: प्रदेश स्वास्थ्य अधिकारी संघ के आह्वान पर छत्तीसगढ़ के समस्त 33 जिलों में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। बिलासपुर जिले की बात करें तो यहां करीब 235 उप-स्वास्थ्य केंद्र हैं। हड़ताल की वजह से इन सभी अस्पतालों में पहले दिन इलाज प्रभावित हुआ। बतादें कि उप-स्वास्थ्स केंद्रों में सीएचओ पर ही इलाज का जिम्मा होता है। जबकि आरएचओ डिलीवरी केसेज देखती हैं। सीएचओ के हड़ताल पर चले जाने से कुछ अस्पतालों में तो तालाबंदी ही कर दी गई है। यानी बाकी स्टाफ भी अघोषित छुट्टी मना रहे हैं, जिसका खामियाजा विशेष कर प्रसूताओं को भुगतना पड़ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने अपने मागों को राज्य शासन के समक्ष रखा है। संघ ने हमें बताया है कि हड़ताल के दौरान ऑनलाइन वर्किंग नहीं करेंगे। बाकी अस्पताल खोले जाएंगे। मरीजों का इलाज भी होगा। इसके बावजूद मंगला समेत अन्य अस्पतालों में यदि तालाबंदी की गई है और हड़ताल का नोटिस चस्पा किया गया है, यह गलत है। इस पर संज्ञान लिया जाएगा।