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Bilaspur High Court: हाईकोर्ट में फर्जी OIC पहुंचने पर हंगामा, नाराज महाधिवक्ता ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, की कार्रवाई की मांग…

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ में अधिकारियों की लापरवाही और धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। हाईकोर्ट के नोटिस के बाद महाधिवक्ता कार्यालय में फर्जी ओआईसी भेजकर बड़ा हंगामा हुआ।

बिलासपुरOct 01, 2024 / 09:07 am

Laxmi Vishwakarma

Bilaspur High Court: हाईकोर्ट में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक अधिकारी ने अपनी जगह दूसरे व्यक्ति को ओआईसी (प्रभारी अधिकारी) बनाकर जवाब प्रस्तुत करने भेज दिया। महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने इस पर नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

Bilaspur High Court: नाराज महाधिवक्ता ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र

कोर्ट की नोटिस के बाद महाधिवक्ता कार्यालय ने जल संसाधन विभाग के ओआईसी को जवाब फाइल कराने बुलाया था। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जब जरूरी दस्तावेजों के संबंध में जानकारी मांगी तब यह गड़बड़ी सामने आई। धोखाधड़ी से नाराज महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर दोनों अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने कहा है। साथ ही एजी ऑफिस में जवाब दावा बनवाने के लिए अब शासन द्वारा नियुक्त ओआईसी को ही भेजने को कहा है।

यह है मामला

बता दें कि सुरेश कुमार पांडे, ईई जल संसाधन विभाग, तांदुला डिवीजन, दुर्ग को राज्य शासन ने हाईकोर्ट के विभाग संबन्धी मामलों में प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत किया। 25 जनवरी 2024 को संबंधित प्रभारी अधिकारी को फ़ाइल आवंटित की गई थी और उसके बाद, 25 सितंबर 2024 को जवाब-दावा तैयार किया गया था।
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26 सितंबर 2024 को प्रदीप कुमार वासनिक, ईई, डब्ल्यूआरडी, कोरबा सुरेश कुमार पांडे बनकर जवाब-दावा बनवाने महाधिवक्ता कार्यालय पहुंचे। महाधिवक्ता कार्यालय के लॉ अफसरों ने ओआईसी सुरेश पांडेय समझकर फाइल प्रदीप वासनिक के हवाले कर दी।
कोर्ट के लिए जवाब तैयार करने के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जब जरूरी दस्तावेजों और शासन के दिशा निर्देशों के बारे में पूछा तो प्रदीप वासनिक जवाब नहीं दे सके। (Bilaspur High Court) आखिरकार उन्होंने स्वीकार किया कि वे जवाब फाइल कराने के लिए सुरेश कुमार पांडेय बनकर महाधिवक्ता कार्यालय पहुंचे हैं। वास्तव में वह प्रदीप वासनिक हैं।

यह गंभीर चूक और धोखाधड़ी, कार्रवाई की जरूरत

Bilaspur High Court: महाधिवक्ता ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि यह गंभीर चूक है। इससे राज्य शासन को नुकसान भी हो सकता है। दो जिम्मेदार अफसरों द्वारा की गई इस धोखाधड़ी के कारण जवाब भी फाइल नहीं हो सका है।
एजी ने लिखा है कि जल संसाधन विभाग के दोनों अफसर सुरेश कुमार पांडेय और प्रदीप वासनिक का कृत्य न केवल न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के बराबर है बल्कि धोखाधड़ी भी है। जो भारतीय न्याय संहिता-2023 के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध है।

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