इसमें दोनों फ्लाइट के लिए पर्याप्त पैसेंजर होने की जानकारी दी गई। जबलपुर की फ्लाइट से आने-जाने वाले पैसेंजर की औसत संख्या 38 और 56 बताई गई। इसी तरह प्रयागराज आने जाने वाले यात्रियों की संख्या औसत 50 और 58 बताई गई। कोर्ट ने इस पर अलायंस एयर को जवाब देने के निर्देश दिए। प्रकरण की अगली सुनवाई 8 मई को रखी गई है।
फ्लाइट ब्रेक का मुद्दा उठा
सुनवाई के दौरान बुधवार को फ्लाइट ब्रेक का मुद्दा प्रमुख तौर पर उठाया गया। याचिकाकर्ता के वकीलों ने बताया कि कोलकाता फ्लाइट सिर्फ दो दिन उड़ान के बाद ही रोक दी गई। दिल्ली और प्रयागराज के लिए फ्लाइट में भी कटौती की जा रही है। गौरतलब है कि महीने भर पहले बिलासपुर से कोलकाता के लिए फ्लाइट शुरू की गई थी लेकिन अब इसे नियमित नहीं चलाया जा रहा है। शेड्यूल के मुताबिक कोलकाता से फ्लाइट सुबह 7.05 बजे उड़ान भरकर 8.55 बजे चकरभाठा पहुंच रही थी। यही फ्लाइट 9.35 बजे उड़ान भरकर 11.25 बजे कोलकाता पहुंचेगी। इसी तरह दिल्ली की फ्लाइट वहां से 7 बजे उड़ान भरकर 9.30 बजे पहुंचेगी और 10.10 बजे उड़ान भरकर 12.40 बजे दिल्ली लौटेगी। उस समय एलायंस एयर की ओर से कहा गया था कि दिल्ली-कोलकाता के साथ ही अन्य महानगरीय हवाई सेवा के संबंध में शेड्यूल छत्तीसगढ़ सरकार से एमओयू साइन होने के बाद जारी किया जाएगा। हालांकि इस पर काम नहीं हो सका और उड़ान में बार बार कटौती की जा रही है।
यात्री न मिलने के तर्क पर उठाए सवाल
याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि बिलासपुर से जबलपुर, प्रयागराज, दिल्ली, भोपाल, इंदौर, कोलकाता के लिए फ्लाइट शुरू की गई, लेकिन कई फ्लाइट ऐसी हैं जिन्हें 5 दिनों में ही बंद कर दिया गया। विमान सुविधा बिलासपुर नहीं बल्कि पूरे संभाग की जरूरत है। बिलासपुर संभाग में आठ जिले आते हैं और यहां एनटीपीसी, एसईसीएल का हेड क्वार्टर, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का बिलासपुर जोनल कार्यालय, हाईकोर्ट, जिंदल आयरन फैक्ट्री, पवार प्लांट और कई छोटी बड़ी निजी कंपनियां है। यहां हजारों लोग आना-जाना करते हैं। यह संभव ही नहीं की यात्री ना मिले लेकिन एयरलाइंस कंपनी की मनमानी जारी है।