महिला सुरक्षा को लेकर रेलवे पुलिस व महिला बाल विकास के जो दावे हैं, वह केवल मौखिक ही लगते हैं। गुरुवार को एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला। गुरुवार तड़के कोचिंग यार्ड के सुरक्षा कर्मियों ने रेलवे सुरक्षा बल को सूचना दी कि एक 20 वर्षीय युवती वाशिंग लाइन में घुस आई है और वह ट्रेन के अंदर दौड लगा रही है। सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल की महिला स्टाफ कोचिंग यार्ड पहुंची और काफी मशक्कत के बाद युवती को हिरासत में लिया।
युवती (अनामिका – बदला हुआ नाम) की सुरक्षा के लिए लिहाज से जीआरपी को सुपुर्द करने पहुंची। जीआरपी ने मामले में युवती को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंची व उसका मुलाहिजा करवाया। चिकित्सकों ने युवती के नशे में होना बताते हुए जीआरपी को इससे अवगत करा दिया। अनामिका को लेकर जीआरपी उज्जवला होम पहुंची, जहां दो घंटे इंतजार के बाद उज्जवला होम के संचालकों ने युवती को लेने से इनकार कर दिया। इस पर जीआरपी युवती अनामिका को लेकर वापस जीआरपी थाने पहुंची और अनामिका को आरपीएफ कार्यालय में छोड़ दिया।
रेलवे सुरक्षा बल प्रभारी मधुबाला पात्र ने अनामिका से बात की तो अनामिका ने बताया कि वह चांपा की रहने वाली है, साथ ही पिता का मोबाइल नम्बर भी बताया। आरपीएफ ने संबंधित नं. पर फोन पर युवती के पिता से सम्पर्क किया और सारी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पिता के सुपुर्द किया।
महिला बाल विकास अधिकारी ने कहा : अनामिका की हालत को देखते हुए उसकी सुरक्षा के लिहाज से जीआरपी व आरपीएफ की टीम उसे लेकर सीधे उज्जवला होम पहुंची। जहां युवती को करीब 2 घंटे तक बैठा कर रखा गया। आरपीएफ व जीआरपी भी परेशान होते रहे लेकिन, दो घंटे बाद उज्जवला होम ने अनामिका को कस्टडी में लेने से इंकार कर दिया।
इश्क का बुखार ऐसा चढ़ा के अपना लिया गलत रास्ता , भाइयों ने उतारा मौत के घाट आरपीएफ की बडी लापरवाही:
अनामिका के मामले में जीआरपी की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। उज्जवला होम ने जब युवती को अभिरक्षा में लेने से इंकार किया तो जीआरपी को अनामिका को अपनी अभिरक्षा में लेकर उसे उसके परिजनों तक पहुंचाने के लिए प्रयास करना चाहिए था। न की रेलवे सुरक्षा बल में छोड़ कर अपनी जवाबदेही से बचाना था।
अनामिका के मामले में जीआरपी की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। उज्जवला होम ने जब युवती को अभिरक्षा में लेने से इंकार किया तो जीआरपी को अनामिका को अपनी अभिरक्षा में लेकर उसे उसके परिजनों तक पहुंचाने के लिए प्रयास करना चाहिए था। न की रेलवे सुरक्षा बल में छोड़ कर अपनी जवाबदेही से बचाना था।
प्रभारी ने युवती को अभिरक्षा में लेकर मुलाहजा करवाया और उज्जवला होम छोडऩे भी गए थे। लेकिन उज्जवला होम ने रखने से इंकार कर दिया था। एएसआई की लापरवाही है। उसे युवती के परिजनों का पता लगाकर उसके सुपुर्द करना था मामले में एएसआई से जवाब लिया जाएगा।
मिलाना कुर्रे, रेल पुलिस अधीक्षक उज्जवला होम को हमने सीधे किसी को भी लेने से मना कर रखा है। उज्जवला होम में न्यायालय, सखी सेंटर या फिर हमारे निर्देश पर रखने का निर्देश है। उज्जवला होम के कर्मचारियों ने हमे बाद में सूचना दी। दो घंटे तक युवती, जीआरपी व आरपीएफ को बैठकर रखा, यह गलती है। दुबारा ऐसा न हो, इसके लिए निर्देशित किया जाएगा।
सुरेश सिंह, जिला महिला बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी
सुरेश सिंह, जिला महिला बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी
देर रात सूचना मिले के बाद हमारी टीम ने युवती को अभिरक्षा में लिया, उसके बाद उसे जीआरपी व उज्जवला होम छोडने भी गई, लेकिन उज्जवला होम ने युवती को रखने से इंकार कर दिया। वही जीआरपी ने युवती को आरपीएफ पोस्ट में ही छोड़ कर चली गई। हमने युवती के परिजनों का पता लगाया और परिजनों के सुपुर्द किया है।-ऋषि कुमार, सीनियर डीएससी
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर .. बिलासपुर शहर की तमाम ताज़ातरीन ख़बरों, LIVE अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.
Facebook – https://www.facebook.com/pg/patrikabsp
Twitter – https://twitter.com/BilaspurPatrika
Instagram – https://www.instagram.com/patrikabsp/
Twitter – https://twitter.com/BilaspurPatrika
Instagram – https://www.instagram.com/patrikabsp/