बीकानेर

बीकानेर के जोड़बीड़ में बढ़ रहे पीली आंख वाले कबूतर

पक्षी दिवस पर विशेष : एशिया में कुछ ही राज्यों में पाए जाते हैं पीली आंख वाले कबूतर

बीकानेरNov 13, 2017 / 08:57 am

अनुश्री जोशी

जोड़बीड़ में पीली आंखों वाले कबूतरों की संख्या हर साल बढ़ रही है। ये कबूतर हर साल प्रवास के दौरान हजारों किलोमीटर दूर से यहां आते हैं। पीली आंख वाले कबूतर एशिया में राजस्थान व कुछ राज्यों में पाए जाते हैं। राजस्थान में ये बीकानेर के जोड़बीड़ और तालछापर क्षेत्र में मिलते हैं।
 

इन दिनों जोड़बीड़ में पीली आंख का कबूतर आकर्षण का केन्द्र है। अभी तक इनकी संख्या 800-एक हजार के आस-पास ही है, लेकिन सर्दी बढऩे के साथ इनकी संख्या दो से ढ़ाई हजार हो जाती है। जोड़बीड़ में पीली आंख का कबूतर 2011 में पहली बार देखा गया था। अब ये कबूतर ईरान से जोड़बीड़ में प्रवास के लिए आते हैं।
 

सबसे अलग
कबूतरों की यह एेसी प्रजाति है, जो आईयूसीएन की रेड डाटा लिस्ट में शामिल है। इसकी आंख के चारों तरफ पीले रंग का गोल घेरा होता है और कमर पर सफेद रंग का धब्बा पाया जाता है। ये जोड़बीड़ में प्रजनन के लिए आते हैं।
 

यह पक्षियों में सबसे अलग होता है और बहुत शर्मिला होता है। यह मनुष्य के संपर्क में बहुत कम आता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां पीली आंख के कबूतरों की संख्या बढऩे का कारण पर्याप्त खाना मिलना और क्षेत्र में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होना है।
 

एक साथ २५० से ३००
पीली आंखों वाले कबूतर समूह में उड़ते है। ये एक बार में 250 से 300 के समूह में उड़ते हैं। ये कबूतर खेजड़ी व जाल आदि पेड़ों पर बैठते हैं। साथ ही घास व जाल पर लगे फल खाते है।
 

इन जगहों से आते हैं
पीली आंख के कबूतर कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, उत्तर-पश्चिम ईरान, चीन आदि जगहों से आते हैं।

 

यहां सबसे ज्यादा
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा जोड़बीड़ में पीली आंख वाले कबूतरों की उपस्थिति है। इनकी हर साल संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
डॉ. दाउलाल बोहरा, पक्षी विशेषज्ञ व आईयूसीएन सदस्य

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