मंदिर निर्माण के दौरान नींव में हुआ था चालीस हजार लीटर घी इस्तेमाल राजस्थान के बीकानेर में स्थित भांडाशाह जैन मंदिर अपनी अनूठी नींव के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस मंदिर की नींव में लगभग 40 हजार किलोग्राम देशी घी का उपयोग किया गया है, जो इसे अन्य मंदिरों से अलग बनाता है। यह एक ऐतिहासिक स्थल है, जहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
जैन कारोबारी ने कराया था निर्माण, मंदिर पांच सौ साल से ज्यादा पुराना इस मंदिर का निर्माण 1468 में भांडा शाह नाम के एक व्यापारी द्वारा शुरू किया गया था। उनके निधन के बाद, उनकी पुत्री ने 1541 में मंदिर का निर्माण पूरा किया। मंदिर की भव्यता और स्थापत्य कला इसे देखने लायक बनाते हैं। भांडाशाह जैन मंदिर की नींव 1525 में रखी गई थी और इसे लाल और पीले पत्थरों से बनाया गया है। मंदिर का फर्श आज भी चिकना और सुगम है,जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि घी का प्रभाव आज भी बना हुआ है।
घी से निर्माण ही नहीं, और भी आश्चर्य हैं मंदिर में इस मंदिर की विशेषता न केवल इसकी नींव में है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता भी है। भांडाशाह जैन मंदिर आज भी श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना हुआ है। इसके निर्माण और नक्काशी को देखकर लोग अचंभित रह जाते हैं।