इतना ही नहीं, उन्होंने अलग-अलग जगहों पर जाकर 100 से अधिक पौधे लगा दिए। दोनों ही सरकारी नौकरी (वाणिज्यिक विभाग) में होने के बावजूद नियमित इनकी देखभाल करने के लिए भी जाते हैं। इतना ही नहीं, पौधों से जुड़े जानकारों की मदद से जरूरत के अनुसार इसमें खाद और दवाइयों का समय-समय पर छिड़काव भी करते हैं। हालांकि इस दौरान ट्री गार्ड चोरी या फिर पौधों को उखाड़ने जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद भी कभी हार नहीं मानी। निरंतर यह क्रम जारी रखा।
फल के बीज करते हैं इकट्ठा दीपेश अग्रवाल ने बताया कि इस बार गर्मी का सीजन शुरू होते ही आम, जामुन और लीची की गुठलियों को इकट्ठा किया। इनको साफ पानी से धोकर इसमें गोबर की खाद का हल्का लेप लगाकर रख दिया। शहर में करीब 250 से 300 जगहों पर गड्ढा खोदकर इनको डाला गया है। करीब चार महीने बाद इसका परिणाम आना शुरू हो जाएगा। दोनों दोस्तों ने फैसला लिया है कि घर परिवार के लोगों से अगले सीजन में अपील की जाएगी कि इन गुठलियों को धोकर पाने पास रखें और हमें दें, ताकि इनका रोपण किया जा सके।
…ताकि लोगों कोमिले छांव अग्रवाल ने बताया कि हमारा उदेश्य सिर्फ पौधों का याल रखना है। ताकि इनसे ऑक्सीजन के साथ-साथ लोगों को गर्मी के दौरान छांव भी मिल सके। इसकी अहमियत गर्मियों के दौरान ही पता चलती है। दोनों बताते हैं कि हम बस उतने ही पौधे लगाते हैं, जितने की आसानी से देखभाल हो जाए। दोनों की मेहनत को देख आमजन भी सहयोग के लिए आने शुरू हो गए हैं।
खास कर स्थानीय पार्षद संजय गुप्ता की पहल ने उन्हें नई ऊर्जा दी। नौकरी के अलावा सुबह 7 से 9 तथा शाम को 6.30 से 7.30 बजे तक दीपेश और पवन पौधों की देखभाल करते हैं।
अब तक लगा चुके हैं 100 से अधिक पौधे दोनों दोस्त मिलकर जयनारायण व्यास कॉलोनी के पार्कों और संगलपुरा रोड पर अब तक 100 से अधिक पौधे लगा चुके हैं। इनकी नियमित देखभाल भी खुद ही करते हैं। अब तक उन्होंने आम, जामुन, सहजन, शीशम, नीम, खेजड़ी सहित अन्य पौधे लगाए हैं।