डॉ. गुप्ता कच्ची बस्ती के बच्चों को पिछले 9 साल से नि:शुल्क पढ़ा रही हैं। साथ ही महिलाओं के हुनर को तराश कर उन्हें रोजगार दिलाकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही हैं। इससे दो बच्चों की मां अर्पिता की पहचान जरूरतमंद बच्चों की गुरु मां के रूप में बनी हैं।
डॉ. गुप्ता कहती हैं कि समाज में अगर कुछ अलग करना है, तो डरो नहीं…डटे रहो। सामाजिक रूप से कुछ करने की सोच रखने वाले सामने आने वाली चुनौतियों की परवाह किए बिना शुरुआत कर देते हैं। गुप्ता ने बताया कि कोरोना महामारी में जब स्कूल बंद हो गए, तब भी इन गरीब परिवारों के बच्चों की पढ़ाई रुकने नहीं दी। नि:शुल्क ऑनलाइन कक्षाओं की उनके लिए व्यवस्था की। अब तक 5000 से अधिक बच्चों व महिलाओं को शिक्षित करने, रोजगार दिलाने, बालश्रम से मुक्त कराने का कार्य कर चुकी हैं।