बीकानेर

Rajasthan News : डिप्टी एसपी को कोर्ट ने किया भगोड़ा घोषित, अरेस्ट वारंट जारी, जानें क्या है पूरा मामला

अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या पांच के न्यायाधीश अनुभव सिडाना ने बोथरा को भगोड़ा घोषित कर दिया। उनकी संपत्ति सूची पेश करने, सैलरी सीज करने एवं बोथरा को गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए हैं।

बीकानेरJun 29, 2024 / 04:10 pm

जमील खान

Bikaner News : बीकानेर. दस साल पहले सदर थाना इलाके में मोहम्मद हुसैन हत्याकांड का अंतिम गवाह तत्कालीन सदर थानाधिकारी और वर्तमान में सीकर के रींगस में सीओ संजय बोथरा शुक्रवार को सुनवाई के दौरान फिर कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनके खिलाफ पहले से कोर्ट की ओर से वारंट जारी हो रखा है, लेकिन आठ महीने से पुलिस उनका वारंट तामील नहीं करवा पाई। जबकि सात महीने वह बीकानेर के नोखा में सीओ के पद पर सेवाएं दे चुके हैं। शुक्रवार को अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या पांच के न्यायाधीश अनुभव सिडाना ने बोथरा को भगोड़ा घोषित कर दिया।
उनकी संपत्ति सूची पेश करने, सैलरी सीज करने एवं बोथरा को गिरफ्तार करके न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में सीकर पुलिस अधीक्षक को पत्र भी लिखा गया है। अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या पांच के पास एडीजे संख्या सात का चार्ज है। मामले में अगली सुनवाई पांच जुलाई को होगी।
इस कारण जारीहुआ वारंट दो पक्षों में आपसी रंजिश के कारण के कारण हुए हत्याकांड में पुलिस ने रसीद उर्फ लाला, पिल्लू, जब्बार उर्फ अब्दुल जब्बार, सुनील उर्फ बाबूलाल, रिंकू, सोनू उर्फ मो. इरफान, विक्की, बाबूलाल पुत्र रामलाल के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। मामले में सभी गवाहों के बयान कोर्ट में हो गए। अंतिम गवाह तत्कालीन सदर थानाधिकारी संजय बोथरा के बयान अधूरे हैं।
मैं हाजिर हो जाऊंगा
पिछली दो तारीख को कोर्ट में उपस्थित हुआ था, लेकिन पीठासीन अधिकारी का स्थानांतरण होने के कारण एवीडेंस नहीं हो पाई। अब एक जुलाई तक अवकाश पर हूं। आगामी तारीख को कोर्ट में हाजिर हो जाऊंगा। संजय बोथरा, जांच अधिकारी एवं सीओ रींगस
यह है मामला
8 मार्च, 2014 को पुरानी गिन्नाणी में मोहम्मद हुसैन (Mohammed Hussain Murder Case) की धारदार हथियारों से हत्या कर दी गई थी। तत्कालीन सदर थानाधिकारी संजय बोथरा ने मामले की जांच की थी। कोर्ट में इस मामले को लेकर 24 गवाहों के बयान हो चुके हैं। जांच अधिकारी बोथरा अंतिम गवाह हैं, जिनके बयान 28 मई, 22 से शुरू हुआ, जो कोर्ट समय पूरा होने के कारण अधूरा रह गया। उनके बयान 30 मई और 15 नवंबर, 22 को भी पूरे नहीं हुए।
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गवाह को 24 नवंबर, 22 को कोर्ट में हाजिर होने के लिए पाबंद किया गया था, लेकिन उसके बाद 17 माह बीत गए, बोथरा अपनी गवाही पूरी करने कोर्ट में पेश नहीं हुए। इस दौरान कोर्ट में 24 तारिखें पड़ीं और 19 बार गवाह के जमानती वारंट जारी किए, जिसे पुलिस तामील नहीं करवा सकी। गौर करने वाली बात यह है कि बोथरा आठ अगस्त, 23 से 11 मार्च 24 तक बीकानेर में ही नोखा सीओ पद पर रहे। इसके बावजूद सदर थाना पुलिस वारंट तामील नहीं करवा सकी।

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