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बीकानेर

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: 30 साल पहले मेडिकल कॉलेज में ही होती थी मतगणना

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो चुकी है। अगले कुछ ही घंटों में मतगणना शुरू हो जाएगी और रिजल्ट भी रविवार तीसरे प्रहर से आने शुरू हो जाएंगे।

बीकानेरDec 02, 2023 / 09:28 am

Nupur Sharma

Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो चुकी है। अगले कुछ ही घंटों में मतगणना शुरू हो जाएगी और रिजल्ट भी रविवार तीसरे प्रहर से आने शुरू हो जाएंगे। इन सबके बीच सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज का जिक्र भले ही नई पीढ़ी को गैर सामयिक लगे, लेकिन बिना इसके जिक्र के मतगणना को लेकर कोई भी चर्चा अधूरी ही जान पड़ेगी। दरअसल, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज का नाम इसलिए जेहन में आता है, क्योंकि तीन दशक पहले तक यहीं पर मतगणना हुआ करती थी। तब चुनाव बाद सारा कॉलेज जिला प्रशासन के कब्जे में आ जाता था। इस कवायद से यहां पर मेडिकल विद्यार्थियों की पढ़ाई में व्यवधान पड़ता था। साथ ही मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।

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उस समय बीकानेर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद मतगणना के लिए मतपेटियों को मेडिकल कॉलेज में रख दिया जाता था। ऐसे में जब तक मतगणना पूरी नहीं होती थी, तब तक कॉलेज सुरक्षा बलों के कब्जे में रहता था। उस समय ईवीएम की जगह मतपत्रों की गणना हाेती थी। ऐसे में विधानसभा चुनावों की मतगणना के लिए एक दिन लग जाता था और लोकसभा चुनावों की मतगणना दो से तीन दिन तक चलती थी। ऐसे में कॉलेज ठप हो जाता था। मरीजों की विभिन्न तरह की जांचें नहीं हो पाती थीं और मेडिकल विद्यार्थियों की पढ़ाई उन दिनों चौपट हो जाया करती थी। यह सिलसिला विधानसभा चुनाव 1993 तक चला।

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इसके बाद विधानसभा चुनाव 1998 की बात आई, तो मतगणना का स्थल मेडिकल कॉलेज को ही चिन्हित किया गया। इसे देखते हुए कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ. एससी लोढ़ा गंभीर हो गए। उन्होंने मेडिकल कॉलेज से मतगणना का स्थान अन्यत्र करने के लिए पहले जिला प्रशासन से बातचीत की, लेकिन प्रशासन ने उनका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। आखिर डॉ. लोढ़ा ने चुनाव आयोग को मतगणना स्थल अन्यत्र करने के लिए पत्र लिखा। डॉ. लोढ़ा ने पत्र में मेडिकल विद्यार्थियों की पढ़ाई को लेकर उत्पन्न होने वाले व्यवधान की जानकारी दी। उस समय टीएन शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त थे। उन्होंने इस पत्र की गंभीरता को समझते हुए मेडिकल कॉलेज से मतगणना अन्यत्र करने के लिए दखल दिया। उसी चुनाव यानी 1998 से ही पॉलीटेक्निक कॉलेज में मतगणना होने लगी।

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