इसकी सबसे बड़ी वजह ट्रैफिक भी है। शहरों में सावों के दौरान इतना ट्रैफिक हो जाता है कि बाहर से आने वाले मेहमान परेशान होते है। इसके बाद आयोजन स्थल के आस-पास पार्किंग की परेशानी भी लोग समझने लगे है। अब शादी वाले घरों में कई महीने पहले ही डेस्टिनेशन बुक करने की कवायद शुरू हो जाती है। बीकानेर में शादियों की नई डेस्टिनेशन के रूप में सामने आया है रायसर डेजर्ट। इसमें भी नई-नई थीम पर शादी शामियाने बुक कराए जाने लगे है। इवेंट मैनेजमेंट की टीम से रायशुमारी करने के बाद ही लोग शादी कार्यक्रम तय कर रहे है। हाल ही में रेतीले धोरों पर राजस्थानी थीम का शामियाना सजाकर उसमें आयोजन करने का ट्रेंड सामने आया है। यहां तक की नीचे प्राकृतिक फिलिंग के लिए बालू रेत पर मेट भी नहीं लगाई जाती है।
कार्निवल-राजस्थानी थीम पर शादियां इवेंट मैनजमेंट से जुड़े मनीष डागा ने बताया कि कोरोना काल के बाद शादियों के कार्यक्रम शहर से बाहर करने का क्रेज बढ़ा है। अभी कार्निवल और राजस्थानी थीम की सबसे अधिक मांग है। कार्निवल थीम में मेले की थीम पर माहौल उपलब्ध करवाए जा रहा है। इसमे बाहर से कलाकारों को भी बुलाया जाता है। प्रवासी राजस्थानी इस थीम की मांग अधिक कर रहे है। इसमें टैंट को ग्रामीण स्वरूप देकर सजाया जा रहा है। सुबह से लेकर रात तक कार्यक्रम होते है। इसमें रस्सा-कस्सी, कबड्डी, खो-खो खेलों जैसे आयोजन भी शामिल किए जाने लगे है। साथ ही मिट्टी के बर्तनों का भी उपयोग होने लगा है।
अलग-अलग पैकेज रिसोर्ट और धोरों में होने वाली शादियों का अधिकतर काम इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को ही दिया जाता है। दो अलग-अलग तरह के पैकेज मुय है। इनमें पांच से सात लाख का पैकेज है, जिसमें खाना, जगह, डेकोरेशन, कलाकार शामिल है। वहीं इससे अधिक के पैकेज में व्यंजनों की संख्या में बढ़ोतरी और थीम जोड़ दी जाती है।
बीकानेर में यहां हो रही शादियां
रायसर, जयपुर रोड, कानासर की तरफ, बायपास, शोभासर रोड आदि। मेल-जोल का माहौल जरूरी
समारोह थोड़ा दूर होने से पूरा परिवार एक साथ, एक जगह इकट्ठा हो जाता है। सभी आसानी एक दूसरे से मिल सकते है। मेल-जोल का माहौल अच्छा बन जाता है। साथ ही पार्किंग की समस्या भी नहीं होती है। विवाह शादियों में बिन बुलाये मेहमानों की घुसपैठ भी नहीं रहती।
संजय व्यास, आमजन
रायसर, जयपुर रोड, कानासर की तरफ, बायपास, शोभासर रोड आदि। मेल-जोल का माहौल जरूरी
समारोह थोड़ा दूर होने से पूरा परिवार एक साथ, एक जगह इकट्ठा हो जाता है। सभी आसानी एक दूसरे से मिल सकते है। मेल-जोल का माहौल अच्छा बन जाता है। साथ ही पार्किंग की समस्या भी नहीं होती है। विवाह शादियों में बिन बुलाये मेहमानों की घुसपैठ भी नहीं रहती।
संजय व्यास, आमजन