साढ़े आठ बजे दिखा था अंतिम बार
एसएचओ कस्वां ने बताया कि चौकी परिसर में शुक्रवार को सिपाही आसुदास साध अकेला ही था। बताते हैं कि सुबह साढ़े आठ-पौने नौ बजे उसे देखा गया था, लेकिन बाद में वह दिखाई नहीं दिया। दोपहर 12 बजे मुक्ताप्रसाद थाने से अन्य कर्मचारी चौकी गए, तो वहां कोई नहीं था। बाथरूम का गेट अंदर से बंद था। तब उन्हें शक हुआ। गेट में झांक कर देखा, तो उसके होश उड़ गए। उन्होंने उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी। मौके पर एएसपी सिटी दीपक शर्मा, सीओ सिटी हिमांशु शर्मा, मुक्ताप्रसाद एसएचओ सुरेश कस्वां आदि पहुंचे।
कर्ज से था परेशान
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि सिपाही आसुदास को करीब ढाई तीन साल पहले क्रिप्टो करेंसी में 20-30 लाख का घाटा हुआ था। उससे वह काफी हद तक उबर गया था, लेकिन अभी वह फिर से बड़े कर्ज में डूब गया था। यह कर्ज किस तरह का था, अभी कुछ पता नहीं चला है। सूत्रों के मुताबिक, सिपाही आसूदास ने साथी लोगों से रुपए लेकर किसी को आगे ब्याज पर दे रखे थे। वह रुपए वापस नहीं आने पर परेशान रहने लगा। आसूदास तीन भाई-बहन हैं। उसके खुद के दो लड़के हैं, जो आठ व दस वर्षीय हैं।