जरा इन बसों के हाल पर नजर डालिए
बेड़े में रोडवेज की करीब 84 बसें हैं। इसमें से 10-12 से अधिक बसें नियमानुसार निर्धारित आठ लाख किमी का सफर तय कर चुकी हैं। वहीं 7 से ज्यादा बसें, तो आठ लाख किमी का सफर और आठ साल की समयावधि भी पार कर चुकी हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से भी उपयुक्त नहीं है। आगार की अवधिपार बसों की खिड़कियां क्षतिग्रस्त हैं। कई बसों की फर्श टूटी हुई और सीटें कटी-फटी हैं। इस वजह से इन बसों में यात्रा करने वाले लोगों को बैठने में भी मुश्किल होती है।थोड़ी मिली, थोड़े की और जरूरत
रोडवेज बेड़े में लगभग दो दर्जन और बसों की जरूरत है। बीकानेर आगार में पिछले चार महीने में 25 नई बसें मिली हैं लेकिन अभी भी 25 बसों की और दरकार है। बस को टेंडर हो रखे हैं। ऐसे में 10-12 बसें अवधिपार हो चुकी हैं, जिन्हें मजबूरन चलाना पड़ रहा है। बीकानेर आगार में कुल 84 बसें हैं, जिसमें से 59 बसें रोडवेज और 25 बसें अनुबंधित हैं।चालक-परिचालक कितने, यहां समझें…
बीकानेर आगार में चालकों के 125 पद हैं, जिसमें से पांच रिक्त पड़े हैं। परिचालकों के 169 पद हैं, जिसमें से 65 खाली हैं। मंत्रालयिक वर्ग के 57 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 22 पद खाली पड़े हैं। ऐसे में आगार प्रबंधन ने करीब दस चालकों व परिचालकों को योग्यता के अनुसार कार्य व्यवस्था के तहत ऑफिस कार्य के लिए लगा रखा है।यह है कर्मचारियों की िस्थति
पद – स्वीकृत – खाली कनिष्ठ लेखाकार – 4 – 4 संगणक – 3 – 2 यातायात निरीक्षक 3 -2 सहायक यातायात निरीक्षक – 8 – 1 वरिष्ठ सहायक – 5 – 2 कनिष्ठ सहायक – 11 – 5 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी – 8 – 2
मैनपावर की कमी तो है
मैनपावर की कमी है, जिसके चलते काम सुचारु रूप से संचालित करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कई कर्मचारियों को उनकी योग्यता के अनुरूप काम ले रहे हैं। बीकानेर आगार में नई बसों की दरकार है। बसें अभी और आएंगी। फिलहाल जो बसें उपलब्ध हैं, उन्हें ही काम में लिया जा रहा है। इंद्रा गोदारा, आगार प्रबंधक, बीकानेर