अतुल आचार्य Bikaner News: आज यानी 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस है। पर्यटन की बात हो और राजस्थान की बहुआयामी रंगत का जिक्र न हो। ऐसा हो ही नहीं सकता। हर साल राजस्थान में बड़ी संख्या में होने वाली विदेशी पावणों की आमद इसकी तस्दीक भी करती हैं।
विश्वभर में अपने ऐतिहासिक किलों के साथ ही खान-पान, सत्कार, परंपरा और सांस्कृतिक धरोहरों को लेकर विशिष्ट पहचान रखने वाला ‘रंगीलो राजस्थान’ दरअसल रेत, पहाड़, झील, धोरे समेत ऐसी कई विविधताएं समेटे है कि सैलानी आता है, तो मुरीद हुए बिना नहीं रहता। हालांकि, पावणों की आमद की यह खुशी तब काफूर होती नजर आती है, जब यहां से जाने के बाद वह दोबारा यहां आने में बहुत कम रुचि जाहिर करता है।
बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर जैसे शहरों में आने वाले 483 पावणों पर किए गए शोध के मुताबिक, तकरीबन 34 फीसदी लोग ही ऐसे हैं, जिन्होंने दोबारा यहां आने की इच्छा जाहिर की। साल 2017-24 के बीच सात साल तक किए गए शोध में सामने आया कि राजस्थान टूरिज्म में कई ऐसे क्षेत्र और कारक हैं, जहां सुधार किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
यह था शोध का विषय
इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के प्रबंध अध्ययन विभाग से अर्पित सक्सेना ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नवीन शर्मा के निर्देशन में इन्फ्लुएंस ऑफ हॉलिडे सेटिस्फेक्शन एंड डेस्टिनेशन इमेज ऑन फ्यूचर बिहेवियरल इंटेंशंस विद स्पेशल रेफरेंस टू डेजर्ट ट्रायंगल ऑफ राजस्थान विषय पर शोध (पीएचडी) किया है।
क्या कहते हैं शोध के निष्कर्ष
– टूटी सडकें, अव्यवस्थित ट्रैफिक, स्ट्रीट वेंडर की अधिकता, पर्यटन स्थलों के आसपास की गंदगी, पर्यटन क्षेत्रों में अनुशासन की कमी, अधिकांश पर्यटन स्थल पर कचरा पात्र के नहीं होने से 87 फीसदी विदेशी पर्यटक परेशान हैं।
– पर्यटन स्थल पर लोकल स्ट्रीट वेंडर्स की ओर से विदेशी पर्यटकों से उत्पादों की वास्तविक कीमत से कहीं ज्यादा कीमत वसूल कर ली जाती है। इसे 71 फीसदी विदेशी पर्यटकों ने गलत बताया है।
– 34 प्रतिशत विदेशी पर्यटकों ने राजस्थान वापस आने की इच्छा जाहिर की है। – 62 फीसदी विदेशी पर्यटकों ने टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर के रिपेयर मेंटेनेंस की आवश्यकता बताई है l
ऐसे किया शोध
जोधपुर से 171, जैसलमेर से 159 और बीकानेर से 153 (कुल 483) विदेशी पर्यटकों को लेकर किए शोध में सभी विदेशी पर्यटकों से निजी रूप से संपर्क कर 26 प्रश्न आधारित प्रश्नावली भरवाई गई। प्राप्त आंकड़ों का सांख्यिकी टेस्ट किया गया। इस दौरान फ़्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, कनाडा, इटली, न्यूजीलेंड, ऑस्ट्रिया सहित 28 देशों के विदेशी पर्यटकों से संपर्क किया गया।
एक्सपर्ट व्यू
टूरिज्म की भारत की जीडीपी में 6.8 फीसदी और रोजगार देने में 8 फीसदी हिस्सेदारी है। 2024 की पहली छमाही में भारत में लगभग 48 लाख और राजस्थान में 6 लाख विदेशी पर्यटकों ने भ्रमण किया। पर्यटन भारत के लिए विदेशी मुद्रा का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत है। इस शोध में बताए सुझावों से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। शोध के अनुसार, मात्र 34 प्रतिशत विदेशी पर्यटकों ने राजस्थान वापस आने के बारे में इच्छा जाहिर की है, जो चिंताजनक है। पर्यटन एक मनोरंजन, विश्राम और आनंद की तलाश में घर से दूर समय बिताने की प्रक्रिया है। यदि इसमें भी वो असंतुष्टि प्राप्त करते हैं, तो उस जगह का भ्रमण पर्यटक दोबारा नहीं करना चाहेगा। हर टूरिज्म स्पॉट पर विदेशी और देशी पर्यटकों के लिए फीडबैक सिस्टम विजिटिंग डायरी रखी जाए, जिसमे उनके अच्छे-बुरे अनुभवों को इंगित करवाया जाए, जिससे कमियों का पता लगाकर उन्हें तुरंत दुरुस्त किया जा सके। – डॉ. नवीन शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, मैनेजमेंट विभाग
निजी रूप से किया संपर्क
विदेशी पर्यटकों से पर्यटन स्थल पर निजी रूप से संपर्क किया गया। शोध में कई बरस लगे। कई घटकों को लेकर विदेशी पर्यटक असंतुष्ट रहे, जिसको शीघ्र सुधारा जाना समय की मांग है। -डॉ. अर्पित सक्सेना, शोधार्थी
सुविधाओं का विकास होना भी आवश्यक
राजस्थान में बीकानेर पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। लिहाजा उसी हिसाब से पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विकास होना भी आवश्यक है। शोध की दृष्टि से ईसीबी नये आयाम छू रहा है। -डॉ. ओम प्रकाश जाखड़, प्राचार्य, ईसीबी