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बीकानेर

बंगाल से चले रसगुल्ले ने बीकानेर में जमाई धाक

बीकानेर में कई बाहरी राज्यों के व्यंजन भी बखूबी लोगों की पसंद बने हुए हैं। रसगुल्ले के साथ भी ऐसा ही है। करीब सवा सौ साल पहले पश्चिम बंगाल से आई यह कला अब यहां के स्वादिष्ट मिष्ठानों में अपना अलग ही मुकाम बना चुकी है। । रसगुल्ला निर्माण की कई इकाइयां भी यहां काम कर रही हैं। ऐसी ही एक फैक्ट्री में दूध से छेना बनाने से लेकर गर्म पानी में छेने की गोलियों को उबाल कर चाशनी में डुबाने और फिर पैकिंग करने का दृश्य कुछ यूं कैमरे में कैद किया नौशाद अली

बीकानेरDec 12, 2023 / 03:25 pm

नौशाद अली

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बीकानेर . अपने खानपान के लिए दुनिया भर में मशहूर बीकानेर में कई बाहरी राज्यों के व्यंजन भी बखूबी लोगों की पसंद बने हुए हैं। रसगुल्ले के साथ भी ऐसा ही है। करीब सवा सौ साल पहले पश्चिम बंगाल से आई यह कला अब यहां के स्वादिष्ट मिष्ठानों में अपना अलग ही मुकाम बना चुकी है। बीकानेरी रसगुल्ले का स्वाद अब बीकानेर की आर्थिकी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रसगुल्ला निर्माण की कई इकाइयां भी यहां काम कर रही हैं। ऐसी ही एक फैक्ट्री में दूध से छेना बनाने से लेकर गर्म पानी में छेने की गोलियों को उबाल कर चाशनी में डुबाने और फिर पैकिंग करने का दृश्य कुछ यूं कैमरे में कैद किया नौशाद अली

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बीकानेर . अपने खानपान के लिए दुनिया भर में मशहूर बीकानेर में कई बाहरी राज्यों के व्यंजन भी बखूबी लोगों की पसंद बने हुए हैं। रसगुल्ले के साथ भी ऐसा ही है। करीब सवा सौ साल पहले पश्चिम बंगाल से आई यह कला अब यहां के स्वादिष्ट मिष्ठानों में अपना अलग ही मुकाम बना चुकी है। बीकानेरी रसगुल्ले का स्वाद अब बीकानेर की आर्थिकी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रसगुल्ला निर्माण की कई इकाइयां भी यहां काम कर रही हैं। ऐसी ही एक फैक्ट्री में दूध से छेना बनाने से लेकर गर्म पानी में छेने की गोलियों को उबाल कर चाशनी में डुबाने और फिर पैकिंग करने का दृश्य कुछ यूं कैमरे में कैद किया नौशाद अली

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बीकानेर . अपने खानपान के लिए दुनिया भर में मशहूर बीकानेर में कई बाहरी राज्यों के व्यंजन भी बखूबी लोगों की पसंद बने हुए हैं। रसगुल्ले के साथ भी ऐसा ही है। करीब सवा सौ साल पहले पश्चिम बंगाल से आई यह कला अब यहां के स्वादिष्ट मिष्ठानों में अपना अलग ही मुकाम बना चुकी है। बीकानेरी रसगुल्ले का स्वाद अब बीकानेर की आर्थिकी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रसगुल्ला निर्माण की कई इकाइयां भी यहां काम कर रही हैं। ऐसी ही एक फैक्ट्री में दूध से छेना बनाने से लेकर गर्म पानी में छेने की गोलियों को उबाल कर चाशनी में डुबाने और फिर पैकिंग करने का दृश्य कुछ यूं कैमरे में कैद किया नौशाद अली

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ऐसे तैयार होता है रसगुल्ला। बीकानेर में करीब सवा सौ साल से रसगुल्ला बनाने का काम किया जा रहा है। बंगल से रसगुल्ला बनने की कला इस शहर में आई बताई जाती है। रसगुल्ला बनाने के लिए पहले दूध से छेना बनाया जाता है फिर छेने की गोलियो को गर्म पानी में तला जता है फिर चासनी में डुबोकर इन्हे मीठा किया जाता है और फिर डिब्बों में पैक करके बहार भेजा जाता है। फोटो - नौशाद अली।

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ऐसे तैयार होता है रसगुल्ला। बीकानेर में करीब सवा सौ साल से रसगुल्ला बनाने का काम किया जा रहा है। बंगल से रसगुल्ला बनने की कला इस शहर में आई बताई जाती है। रसगुल्ला बनाने के लिए पहले दूध से छेना बनाया जाता है फिर छेने की गोलियो को गर्म पानी में तला जता है फिर चासनी में डुबोकर इन्हे मीठा किया जाता है और फिर डिब्बों में पैक करके बहार भेजा जाता है। फोटो - नौशाद अली।

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