पार्षद परिवार में सबसे पहले रामचन्द्र गहलोत वर्ष 1970 में पार्षद निर्वाचित हुए। इसके बाद 1994 में हुए चुनाव में रामचन्द्र गहलोत के पुत्र परमानन्द गहलोत विजयी रहे। वे 1999 में भी पार्षद चुने गए। वर्ष 2004 में वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होने पर परमानन्द गहलोत के परिवार की सदस्य अंशु गहलोत पार्षद चुनी गई। वे 2009 में भी पार्षद चुनी गई। वर्ष 2014 में निकाय चुनाव में परमानन्द फिर पार्षद चुने गए और इस बार फिर चुनाव मैदान में हैं।
विकास प्रमुख लक्ष्य
तीन बार पार्षद रहने के साथ एक बार होलसेल भण्डार में डायरेक्टर निर्वाचित हो चुके परमानन्द गहलोत ने बताया कि क्षेत्र के लोगों का प्यार, विश्वास, अपनापन बना हुआ है। ईमानदारी के साथ सेवा और समर्पण भाव से क्षेत्र का विकास परिवार का ध्येय रहा है। गहलोत के अनुसार पार्षद जनता की सेवा के लिए होता है। क्षेत्र का विकास कार्य करवाना ही उनका प्रमुख लक्ष्य रहा है। क्षेत्र निवासी वेदप्रकाश गहलोत ने बताया कि परमानन्द हमेश क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं।
तीन बार पार्षद रहने के साथ एक बार होलसेल भण्डार में डायरेक्टर निर्वाचित हो चुके परमानन्द गहलोत ने बताया कि क्षेत्र के लोगों का प्यार, विश्वास, अपनापन बना हुआ है। ईमानदारी के साथ सेवा और समर्पण भाव से क्षेत्र का विकास परिवार का ध्येय रहा है। गहलोत के अनुसार पार्षद जनता की सेवा के लिए होता है। क्षेत्र का विकास कार्य करवाना ही उनका प्रमुख लक्ष्य रहा है। क्षेत्र निवासी वेदप्रकाश गहलोत ने बताया कि परमानन्द हमेश क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं।