क्या है यह तकनीक डॉ. पारीक ने बताया कि मरीज का ऑपरेशन अवेकक्रेनियोटॉमी तथा न्यूरोनेविगेशन गाइडेड आधुनिक तकनीक से किया गया। इस तकनीक में मरीज ऑपरेशन के दौरान होश में रहा। मरीज बीच-बीच में बात भी करती रही, ताकि ऑपरेशन करने के दौरान अगर उसके हाथों पैरों में कोई कमजोरी आने जैसा आभास लगे, तो ऑपरेशन वहीं रोक दिया जाए। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ।
कारगर रही नई तकनीक नई तकनीक न्यूरोनेविगेशन गाइडेड ट्यूमर सर्जरी का उपयोग खासा कारगर रहा। इसके अंतर्गत नेविगेशन मशीन की गाइडेंस में ब्रेन ट्यूमर निकाला गया, जिससे अधिक से अधिक ब्रेन ट्यूमर निकाला जा सके व कम से कम सामान्य ब्रेन को नुकसान हो। ऑपरेशन पूर्णत: सफल रहा। अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। ऑपरेशन के दौरान एसएसबी की अधीक्षक तथा एनिस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. सोनाली धवन, न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश सोढ़ी, डॉ. गरिमा सारस्वत, डॉ. विशाल देवड़ा, डॉ. नेहा, डॉ. रितु गौड़, डॉ. रितेश, डॉ रामसिंह तथा नर्सिंग स्टाफ ने सहयोग दिया।