दुष्कर्म के मामले में मिली थी जमानत बता दें कि बिजनौर के नगीना विधानसभा से सपा विधायक मनोज पारस सपा सरकार में स्टांप और निबंधन विभाग के मंत्री रह चुके हैं। जून 2019 में दुष्कर्म के मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक मनोज पारस को जेल भेज दिया था। 19 दिसंबर को जमानत पर वह इलाहाबाद जेल से बाहर आ गए थे। इसके बाद सपा विधायक मनोज पारस नगीना आ गए थे। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2008 में मुरादाबाद के छजलेट थाना क्षेत्र में पुलिस और सपा नेता में गाड़ी रोकने को लेकर कुछ विवाद हो गया था। इस दौरान सपा नेताओं ने रोड जाम करते हुए पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
आजम खान पर भी दर्ज था मुकदमा इस मामले में पुलिस ने विधायक मनोज पारस समेत नौ लोगों खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसमें पुलिस ने सपा सांसद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को भी नामजद किया था। इसको लेकर सपा विधायक मनोज पारस ने मंगलवर को कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद अधिवक्ता ने जमानत की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन लगातार तारीख पर नहीं पहुंचने के कारण कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार वशिष्ठ ने जमानत अर्जी खरिज कर दी। इसके बद सपा विधायक को मुरादाबाद जेल भेज दिया गया।