दरअसल मामला बिजनौर के चांदपुर थाना क्षेत्र के कस्बे का है। जहां एंटी करप्शन टीम ने एक संग्रह अमीन महिपाल सिंह पुत्र सुजान को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया है। बताया गया कि चांदपुर के मोहल्ला सराय रफी निवासी जुबैर अली पुत्र सुल्तान ने प्रधानमंत्री योजना से कोई लोन लिया था। जिसे वह भर नहीं पाया। लोन की रकम बढ़ते बढ़ते 10 लाख के करीब पहुंच गई। जिसकी रिकवरी के लिए संग्रह अमीन ने जुबैर अली से संपर्क किया। अब जुबैर अली के संग्रह अमीन चक्कर लगाने लगे।
आरोप है जुबैर अली से संग्रह अमीन महिपाल सिंह ने आर-सी में समय बढ़ाने व कुर्की वारंट जल्दी ना जारी करवा देने के रुप में 5000 रिश्वत की डिमांड कर दी। रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 3000 लेकर आने की मांग की। उधर जुबैर अली ने मामले की शिकायत एंटी करप्शन से कर दी। अब जब पहली किश्त का समय आया तो एंटी करप्शन टीम ने अपना जाल बिछा दिया। शिकायतकर्ता को संग्रह अमीन को रोडवेज बस स्टैंड के सामने सुल्तान स्वीट सेंटर पर बुलाने को कहा। जहां पहले से एंटी करप्शन टीम मौजूद थी। एंटी करप्शन टीम ने पहले ही शिकायतकर्ता को केमिकल युक्त 500/500 के नोट रिश्वत के रूप में देने के लिए दे रखे थे।
संग्रह अमीन बताए समय स्वीट सेंटर पर पहुंचे, तो जुबैर अली ने उनकी आव भगत की। जिससे उन्हें कुछ महसूस नहीं हुआ। अब जैसे ही पहली किश्त के 3000 रुपए संग्रह अमीन ने लिए तुरंत एंटी करप्शन टीम ने संग्रह अमीन को दबोच लिया। यह देखकर संग्रह अमीन महिपाल सिंह हतप्रभ रह गए। एंटी करप्शन टीम उन्हें लेकर चांदपुर थाने पहुंची। जिसके बाद तहसील चांदपुर के अमीन संगठन में हड़कंप मच गया। घंटों टीम संग्रह अमीन से पूछताछ में जुटी रही।
इसी दौरान अमीन संगठन थाने पहुंचा और अपना विरोध दर्ज कराया। संगठन बोला वह रिकवरी की किस्त लेकर ही तो रसीद देंगे। पहले कैसे रसीद दे सकते हैं। इस पर एंटी करप्शन के एक अधिकारी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इससे पहले जब किश्त ली, तो रसीद क्यों नहीं दी। अब कोर्ट में अपना पक्ष रखें। मामले में एक एंटी करप्शन टीम के अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि शिकायतकर्ता से संग्रह अमीन कई बार पैसे ले चुके थे। रसीद नहीं दे रहे थे। जिससे तंग आकर शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन का रुख किया। संग्रह अमीन को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा गया है।