Food Poisoning Case: बच्चों की सुरक्षा को लेकर नहीं दिखाई दिखाई जा रही गंभीरता
गौरतलब है कि धनोरा में संचालित माता रूकमणी आश्रम में रविवार को खाना खाने के पश्चात अचानक छात्राओं की तबियत बिगड़ने पर जिला
अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अब 35 बच्चियां बीमार बताई जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग पर यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि जिले में संचालित आश्रम शालाओं में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
बच्चों के इलाज की प्रकिया जारी
बता दें कि फूड प्वॉइजनिंग से प्रभावित अन्य बच्चों का इलाज बीजापुर जिले के अस्पतालों में जारी है। (Chhattisgarh News) इनमें से एक बच्चा डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में इलाजरत है, जबकि बाकी बच्चों का इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है। घटना के बाद, माता रुक्मणी आश्रम के संस्थापक धर्मपाल सैनी (ताऊजी) बीजापुर अस्पताल पहुंचे और कहा कि स्थिति गंभीर है। बच्चों के इलाज की प्रकिया जारी है।
बीजापुर में लचर व्यवस्था का परिणाम
Food Poisoning Case:
फूड पॉइजनिंग से बच्ची की मौत के मामले में कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने दुख जताया और आरोप लगाया कि, छात्रा की मौत बीजापुर में लचर व्यवस्था का परिणाम है। स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के बाद भी यहां की व्यवस्था नहीं सुधरी। विक्रम मंडावी ने कहा कि, सरकार आदिवासियों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है। परिणामस्वरूप जिले में लगातार मौत हो रही है।