सड़ा अनाज ऐसा है कि हाथ में आटा बन रहा है। इसमें घुन लग गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि शिकायत होने पर ही अफसर अमानक अनाज पर कार्रवाई कर रहे हैं। इससे जिलों के नागरिक आपूर्ति निगम के केंद्र प्रभारियों और गुणवत्ता देखने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने ही घटिया गुणवत्ता का अनाज गोदामों में जमा कराया है।
गेहूं हाथ मेें लिया तो अंगुलियां भी सफेद हो गईं
शिवपुरी. जिले की सभी सरकारी दुकानों पर अभी राशन नहीं पहुंचा, लेकिन जहां पहुंचा, उनमें से बदरवास जनपद की रामपुरी पंचायत की आदिवासी बस्ती में राशन बेहद खराब है। उसमें न केवल घुना गेहूं आया, बल्कि उसके अंदर कीड़े हैं। हाथ में जब गेहूं को रख रहे हैं, तो पूरी अंगुलियां सफेद हो रही हैं। दुकान के सेल्समैन केशव कलावत का कहना है कि हमारे पास तो कई बार राशन ही कम आता है। इससे सभी उपभोक्ताओं को राशन उपलब्ध कराना मुश्किल होता है। हमारे पास तो जो माल भेजा गया है, वह हमें बांटना है और अभी भी बांट रहे हैं।धोकर पिसवाते हैं गेहूं, खाने को मजबूर
बदरवास के रामभरोसी आदिवासी ने बताया, राशन का गेहूं खाना मजबूरी है। बाजार का महंगा है। दुकान से घुना गेहूं मिलता है, तो धोकर सुखाते हैं, फिर सुखाकर पिसवाते हैं। इसी से पेट भर रहे हैं।सतना : दीनदयाल रसोई तक पहुंच गया
सतना के वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक कॉर्पोेरेशन यूनिट-1 डिलौरा ब्रांच के पतेरी गोदाम से राशन दुकान में घटिया चावल भेज दिया। उसी घटिया चावल का स्टॉक दीनदयाल रसोई में भी पहुंच गया। जब रसोई संचालक ने विरोध किया तो चावल वापस मंगवाया गया। वहीं, वेयरहाउस मैहर ब्रांच से प्राथमिक उपभोक्ता भंडार मर्यादित पतौरा द्वारा संचालित मानिकपुर राशन दुकान में किनकी युक्त चावल की खेप भेज दी गई। अब अधिकारी आरके शुक्ला का कहना है कि ‘अमानक चावल की जानकारी नहीं है। मैं इसे दिखवाऊंगा।’नर्मदापुरम: मई में वापस लिया, जून में फिर वैसा
सरकारी उचित मूल्य की दुकान से मिट्टी और घून लगे गेहूं गरीबों को दिए जा रहे हैं। इसमें भूसी के साथ मिट्टी मिली है। ऐसा ही मई में भी हो चुका है। शिकायत होने पर चुपचाप अनाज बदला गया। खुलासा हुआ तो खाद्य विभाग ने नर्मदापुरम के वेयर हाउस में नागरिक आपूर्ति निगम के केंद्र प्रभारी को नोटिस दे दिया। नर्मदापुरम के खाद्य विभाग के अफसर दिनेश अहिरवार ने बताया, ‘इस माह भी गेहूं की गुणवत्ता ठीक नहीं है तो कठोर कार्रवाई करेंगे।’आगे से आ रहा है
घटिया अनाज को लेकर अक्सर दुकानदारों से उपभोक्ताओं की बहस होती है, लेकिन दुकानदार ‘आगे से ऐसा ही आया’ कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। उपभोक्ताओं की शिकायत पर ठोस कार्रवाई नहीं होती। ये भी पढ़ें: Mumtaz Mahal: मुमताज महल का एमपी से खास नाता, काले ताजमहल से कैसे जुड़ी हैं शाहजहां की बेगम की यादें