क्या है पूरा मामला
एमपी बोर्ड के रिजल्ट जारी किए गए थे। इस रिजल्ट में पास करने वाले बच्चों के परसेंट इस बार ज्यादा अच्छा नहीं रहा है। इस रिजल्ट 70 परसेंट भी पार नहीं हो पाया है। दसवीं और बारहवीं का रिजल्ट 60 से 65 परसेंट के आसपास रहा है। जिसके बाद से कई सवाल उठने शुरु हो गए थे।
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एमपी बोर्ड 2024 का रिजल्ट आने के बाद जांच की गई थी। जिसमें अब खराब रिजल्ट का जिम्मेदार अतिथि शिक्षकों को बनाया गया है। खराब रिजल्ट आने के बाद अब अतिथि शिक्षकों की टेंशन बढ़ गई है। इधर अनुमान लगाया जा रहा 30 फीसदी से कम अंक पाने वाले शिक्षकों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। ऐसे करीब 15 हजार अतिथि शिक्षक हैं, जिन्हें हाथ से नौकरी गंवानी पड़ सकती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि यदि अतिथि शिक्षकों को नौकरी से बाहर निकाला जाता है तो इस पर अतिथि शिक्षकों के संघ का क्या स्टैंड होगा।
रिजल्ट आने बाद हुई थी जांच
एमपी बोर्ड 2024 का रिजल्ट आने के बाद जांच की गई थी। जिसमें अब खराब रिजल्ट का जिम्मेदार अतिथि शिक्षकों को बनाया गया है। खराब रिजल्ट आने के बाद अब अतिथि शिक्षकों की टेंशन बढ़ गई है। इधर अनुमान लगाया जा रहा 30 फीसदी से कम अंक पाने वाले शिक्षकों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। ऐसे करीब 15 हजार अतिथि शिक्षक हैं, जिन्हें हाथ से नौकरी गंवानी पड़ सकती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि यदि अतिथि शिक्षकों को नौकरी से बाहर निकाला जाता है तो इस पर अतिथि शिक्षकों के संघ का क्या स्टैंड होगा।
बता दें कि, लोक शिक्षण संचानालय मध्यप्रदेश की ओर से एक आदेश में कहा गया था कि 30 परसेंट से कम परीक्षा परिणाम वाले अतिथि शिक्षकों को नौकरी पर न रखने की बात कही गई है। अब ऊंट किस ओर करवट लेगा, ये देखना भी दिलचस्प होगा। ये फैसला अतिथि शिक्षकों के पक्ष में जाता है या फिर करीब 15 हजार शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।