कमलनाथ ने बजट को बताया झुनझुना
एमपी के पूर्व सीएम ने बजट पर तंज कसते हुए कहा कि बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर। पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर। आगे उन्होने लिखा कि बजट में युवाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, किसानों और जवानों के लिए कुछ भी नहीं है। सरकार ने देश के आर्थिक विकास का कोई खाका पेश नहीं किया है और जो बातें कही हैं, वह 15 और 20 साल दूर की बातें हैं। यह बजट नहीं है, सिर्फ एक झुनझुना है।
जीतू पटवारी ने बजट को कहा – आर्थिक झूठ
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने बजट पर कहा है कि मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में भी पूरी ईमानदारी से चार झूठ बोले हैं। आर्थिक झूठ, सामाजिक झूठ, राजनीतिक झूठ, नैतिक झूठ । आगे कहा कि भाजपा का वर्ष 2024 में बोला गया सबसे बड़ा ‘आर्थिक झूठ’ है। क्योंकि, मैं जिस देश में रहता और लोगों से मिलता हूं वहां गरीबों की परिभाषा अलग है।
सीएम मोहन यादव ने कहा – 25 करोड़ आबादी गरीबी रेखा से बाहर आई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश को प्रगति पथ पर अग्रसर करने के प्रयास निरंतर जारी हैं। बजट में गरीब, महिला, युवा और किसान सहित सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। देश में जारी विकास और जनकल्याण के कार्यों से 25 करोड़ आबादी गरीबी रेखा से बाहर आयी है, जो बड़ी उपलब्धि है।अमृतकाल में वर्ष 2047 तक भारत विश्व का प्रथम राष्ट्र होगा।
जगदीश देवड़ा ने बताया आत्मनिर्भर भारत का बजट
जगदीश देवड़ा ने कहा है कि अंतरिम बजट सबके विश्वास में वृद्धि करने वाला है। बजट में क्रेडिबिलिटी, कंटिन्यूटी और कनविक्शन की स्पष्टता है। प्रत्येक वर्ग और नागरिक को यह बजट हितों में शामिल करता है। यह आत्मनिर्भर भारत का बजट प्रत्येक भारतीय को प्रसन्नता देने वाला बजट और विजन फॉर विकसित भारत है।