दो दिन पहले राज्यपाल ने दी थी मंजूरी
बता दें कि दो दिन पहले 7 जनवरी को प्रदेश सरकार की तरफ से लव जिहाद के खिलाफ बनाए गए धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंजूरी दी थी जिसके बाद इस तरह की खबरें थी कि जल्द ही शिवराज सरकार लव जिहाद कानून को प्रदेश में लागू कर सकती है और दो दिन बाद ही पूरे प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 को लागू कर दिया गया है। इस अध्यादेश के लागू होने के बाद अब मध्यप्रदेश में नए कानून के तहत लव जिहाद के लिए 10 साल की सजा का प्रावधान होगा।
लव जिहाद कानून में ये हैं प्रावधान..
– बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबर्दस्ती धर्मांतरण और शादी करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है और ये गैर जमानती अपराध होगा।
– धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाली शादी के लिए 2 महीने पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा।
– बगैर आवेदन दिए धर्मांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी 5 साल तक की सजा का प्रावधान है ।
– धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत पीड़ित, माता-पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है।
– जबरिया धर्मांतरण में सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा। उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी।
– जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा।
– धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाओं संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन भी रद्द होगा।
– अपने धर्म में वापसी करने पर इसे धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा।
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