एक भवन से दूसरे तक के लिए एंबुलेंस
कार्डियोलाजी डिपार्टमेंट को नए भवन की 11 वी मंजिल पर शिफ्ट कर दिया गया है। जबकि कैथलैब पटेल वार्ड वाली पुराने भवन में ही छोड़ दी गई। पुराने भवन में आने का एक रास्ता ही चालू है। जो नए भवन से लगभग 300 से 400 मीटर की दूरी पर है। ऐसे में मरीजों को यहां तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। इसके बाद पुराने भवन में गेट से कैथ लैब तक मरीज को स्ट्रेचर से ले जाया जाता है।
कार्डियोलाजी डिपार्टमेंट को नए भवन की 11 वी मंजिल पर शिफ्ट कर दिया गया है। जबकि कैथलैब पटेल वार्ड वाली पुराने भवन में ही छोड़ दी गई। पुराने भवन में आने का एक रास्ता ही चालू है। जो नए भवन से लगभग 300 से 400 मीटर की दूरी पर है। ऐसे में मरीजों को यहां तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। इसके बाद पुराने भवन में गेट से कैथ लैब तक मरीज को स्ट्रेचर से ले जाया जाता है।
पानी भी हो जाता है बंद, विभाग लिख चुका 45 पत्र भवन के टूटने के चलते पानी की सप्लाई बार बार प्रभावित हो रही है। कर्मचारियों ने बताया विभाग के डॉक्टर एक सप्ताह में दो से तीन बार लैब में बाल्टी पानी भरकर रखवाते हैं। जानकारी के अनुसार साल 2023 के जुलाई माह से इस समस्या को लेकर कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा 40 से 45 पत्र प्रबंधन को लिखे गए हैं।
इनका कहना यह कैथलैब का संचालन लगातार जारी है। विभाग के डॉक्टरों द्वारा रोजाना सर्जरी की जा रही है। विभाग के मरीजों के लिए अलग से एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है।
-डॉ. आशीष गोहिया, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल