जारी आदेश के अनुसार तलैया इलाके के रेतघाट की महिला निखत जहां (35) ने परिवाद दायर किया था। जिसमें बताया कि वर्ष 2014 में उन्हें पीठ में दर्द होता था, पैदल चलने में परेशानी होती थी। बेहतर इलाज के लिए वह निजी अस्पताल गई। डॉक्टर ने एमआरआई सहित कई टेस्ट किए और बताया कि एक कूल्हा खराब हो गया है उसे बदल देंगे तो बीमारी ठीक हो जाएगी।
डॉक्टरों ने बताया था कि एक कूल्हा खराब है, फिर बाद में डॉक्टरों ने कहा कि दूसरा कूल्हा भी बदलना पड़ेगा। अस्पताल ने चार लाख रुपये जमा करवाए और दोनों कूल्हे बदल दिए। महिला के इलाज के खर्च का भुगतान सीएम रिलीफ फंड से किया गया था। लेकिन इसके बाद भी जब महिला को आराम नहीं मिला तो उसने दूसरे अस्पताल में दिखाया। वहां के डॉक्टरों ने सभी रिपोर्ट देखकर बताया कि निखत को स्पांडिलाइटिस की बीमारी है। इसके साथ उन्हें चार माह का गर्भ था जिसका गर्भपात कराना पड़ा। उन्होंने पहले जिला आयोग में केस लगाया था। जिले में फैसला अस्पताल के पक्ष में आया तो उसके खिलाफ राज्य आयोग में अपील की थी।