नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारिका सारिका घारू ने बताया कि 24 जुलाई की रात को चंद्रमा, शनि और धरती के बीच में आ जाएगा। शनि और धरती के बीच चंद्रमा के आ जाने से ग्रहण की स्थिति बनेगी। इसे शनि के चंद्रग्रहण के रूप में जाना जाता है। भारत में इससे पहले शनि का चंद्रग्रहण 2 फरवरी 2007 में देखा गया था।
यह भी पढ़ें : एमपी में प्रसिद्ध कथावाचक का देहांत, भजन गाते हुए गिर पड़े, सामने नाचते रहे भक्त विज्ञान प्रसारिका सारिका घारू के मुताबिक भारत के अलग अलग हिस्सो में शनि का चंद्र ग्रहण 24 जुलाई की रात 12.50 बजे से लेकर रात 3.10 बजे तक देखा जा सकेगा। इस दौरान चंद्रमा, शनि के सामने से होकर गुजरेगा।
खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार 24 और 25 जुलाई की मध्य रात्रि में कुछ घंटों के लिए आसमान में यह नजारा देखा जा सकेगा।
रिसर्च के लिए खगोल विज्ञानी और एस्ट्रोनॉट इस घटना का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
रिसर्च के लिए खगोल विज्ञानी और एस्ट्रोनॉट इस घटना का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : एमपी में जमीन के सबसे बड़े फर्जीवाड़े में घिरे पटवारी, सख्त हुई सरकार शनि का चंद्र ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा अपनी शनि को ओट में छिपा लेता है। शनि के चंद्रमा के पीछे चले जाने से चंद्रमा के किनारे शनि के नीले रंग के रिंग में नजर आते हैं। इस खगोलीय घटना को लूनर ऑकल्टेशन ऑफ सैटर्न कहा जाता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार इसी साल अक्टूबर में एक बार फिर से शनि का चंद्रग्रहण दिखाई देगा। 14 अक्टूबर की रात फिर से शनि का चंद्रग्रहण होगा।