मध्यप्रदेश के नवाचार को सराहना मिली
इससे पहले सोमवार को संसद में देश का आर्थिक सर्वेक्षण पेश हुआ। इसमें उन्होंने मध्यप्रदेश के नवाचारों की सराहना की है। इनमें प्रदेश की नदी जोड़ो परियोजनाओं और इंदौर के सीएनजी प्लांट प्रमुख है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत इंदौर के 500 टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता वाले बायोफ्यूल प्लांट का उल्लेख सर्वेक्षण में केस स्टडी के रूप में किया गया है। प्लांट को 2021 में लगाया था। 44 से 45 हजार क्यूबिक मीटर बायो गैस प्रतिदिन बनाई जा रही है। इससे लगभग 17 हजार किलो बायो-सीएनजी प्रतिदिन बन रही है। प्लांट से सालाना एक लाख तीस हजार टन कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन को रोकने में मदद मिली है। बायो-सीएनजी प्लांट की प्रसंस्करण क्षमता 400 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। इससे जैविक कचरे का प्रसंस्करण होता है। प्रतिदिन 14.8 मीट्रिक टन बायो-सीएनजी और 80 मीट्रिक टन फरमेंटेड जैविक खाद बनती है।
सर्वेक्षण में केन-बेतवा लिंक परियोजना, पार्वती-कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना का भी जिक्र किया है। केन-बेतवा परियोजना का अनुमोदन 2021 में किया गया था। केंद्र ने 39,317 करोड़ रुपए दिए हैं।
तेजी से बढ़ता राज्य
सर्वेक्षण में नीति आयोग के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल के इंडेक्स 2023-24 का उल्लेख करते हुए बताया है कि जो दस नए राज्य सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल हासिल करने में आगे रहे हैं उनमें मध्यप्रदेश भी है। 2018 से 2023-24 के बीच मध्यप्रदेश 15 अंकों के साथ सर्वाधिक तेजी से आगे बढ़ते राज्यों शामिल है। किसान हितैषी नीति का भी जिक्र किया है। खासकर भावांतर भुगतान योजना की चर्चा हुई। यह भी पढ़ेंः Ladli Behna Yojana: लाड़ली बहनों को बड़ी सौगात देने की तैयारी, 1250 रुपए से बढ़कर आएंगे इतने रुपए!
सिंहस्थ के लिए स्पेशल पैकेज की उम्मीद
संसद में मंगलवार को पेश होने वाले आम बजट से मध्यप्रदेश की उम्मीदें बढ़ी हैं। मोहन सरकार को उम्मीद है कि सिंहस्थ के लिए केंद्र सरकार स्पेशल पैकेज दे सकती है। विभिन्न योजनाओं की राशि सहित राज्य की बकाया रकम भी मिल सकती है। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के लिए दो हजार करोड़ मिलने की उम्मीद भी राज्य सरकार को है। मोहन सरकार ने राज्य के बजट में सिंहस्थ 2028 के लिए विशेष प्रावधान किया है। आयोजन से पहले उज्जैन, इंदौर संभाग को धार्मिक आध्यात्मिक सर्किट के रूप में विकसित करने की भी तैयारी है। राज्य सरकार ने केंद्र से 20 हजार करोड़ रुपए के स्पेशल पैकेज की मांग की है।
उम्मीद है कि केंद्र सरकार यह राशि किस्तों में देगी। पहली किस्त के तौर पर कुछ राशि राज्य को मिल सकती है। राज्य के बजट में छह एक्सप्रेस-वे का जिक्र है। इन प्रोजेक्ट्स पर पांच साल में 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। राज्य को आशा है कि केंद्र सरकार इसके लिए आर्थिक मदद करेगी।