जबकि यूजीसी ने तीन वर्ष का स्नातक कोर्स करने के बाद चौथे वर्ष में ऑनर्स विद रिसर्च और ऑनर्स का प्रावधान किया गया है। नई शिक्षा नीति को लेकर रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी में पिछले दिनों और साइंस कॉलेज में प्रदेश स्तर पर बैठक हुई लेकिन रिसर्च सेंटर तैयार करवाने में रुचि नहीं दिखाई गई। कॉलेजों ने भी इस ओर पहल नहीं की। इसके चलते 30 से अधिक छात्र ऑनर्स की पढ़ाई से वंचित रहेंगे। जिले में करीब 13 कॉलेज हैं। इसमें केवल आठ में यह सुविधा है।
इन कॉलेजों में मिलेगा चौथे वर्ष में Admission
●सरोजिनी नायडू गर्ल्स पीजी कॉलेज। ●एमएलबी गर्ल्स पीजी कॉलेज। ●शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय। ●शासकीय बाबूलाल गौर पीजी कॉलेज। ●शासकीय गीतांजलि गर्ल्स पीजी कॉलेज। ●डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी साइंस एंड कॉमर्स कॉलेज। ●आदर्श मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय ●एक्सीलेंस कॉलेज भोपाल।
पीजी कॉलेज का करना होगा चयन
फोर्थ ईयर में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों को पीजी कॉलेज का चयन करना होगा। यूजी कॉलेज में इस कोर्स की सुविधा नहीं होगी। प्रदेश में 89 पीजी कॉलेज हैं। भोपाल में इनकी संया 8 है। इन कॉलेजों में ही दो गाइड होना जरूरी है।
फोर्थ ईयर में प्रवेश के लिए जरूरी क्रेडिट
● 56 मेजर विषय ● 26 माइनर स्ट्रीम ● 18 वैकल्पिक विषय ● 12 रिसर्च प्रोजेक्ट ● 09 मल्टीडिसिप्लिनरी ● 09 स्किल एनहांसमेंट कोर्सेस ● 08 एबिलिटी एनहांसमेंट कोर्सेस ● 6-8 वैल्यू एडेड कोर्सेस ● 2-4 समर इंटर्नशिप
एक साल का ब्रिज कोर्स भी जरूरी
यूजी फोर्थ ईयर में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को गैप कवर करने के लिए एक ब्रिज कोर्स भी करना होगा। ये ब्रिज कोर्स संबंधित यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित किया जाएगा। यूजीसी की गाइड लाइन के अनुसार चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले उम्मीदवार सीधे पीएचडी कर सकते हैं और उन्हें मास्टर डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी।
एक्सपर्ट व्यू
नई शिक्षा नीति में चौथे वर्ष में प्रवेश के लिए महाविद्यालयों में शोध सेंटरों को प्राथमिकता दी गई थी जिसपर बहुत काम नहीं हुआ है। जिसके कारण कई विषयों में आनर्स में प्रवेश की समस्या होगी। चौथे वर्ष में केवल उन्हें कॉलेजों में प्रवेश मिलेगा जहां, दो पीएचडी गाइड हैं। हालांकि थर्ड ईयर के विद्यार्थी के पास पिछले साल की तरह दो साल की पीजी का ऑप्शन रहेगा। –प्रो. आनंद शर्मा, अध्यक्ष, प्रांतीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ