जून माह के अंतिम दिन रविवार शाम को प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए। अब नेशनल पार्क या टाइगर रिजर्व के कोर जोन में टूरिस्ट नहीं जा सकेंगे। पूरे तीन महीने तक पर्यटकों के लिए यह पाबंदी लागू रहेगी।
यह भी पढ़ें : घोटाले में घिरे एमपी के पॉवरफुल मंत्री और पूर्व मंत्री, बीजेपी ने पल्ला झाड़ा बाघों और अन्य वन्य प्राणियों को एकांतवास देने के लिए पार्क बंद किए जाते हैं। दरअसल बारिश का मौसम विशेष तौर पर बाघ—बाघिन के लिए बेहद खास होता है। बाघ बाघिन के लिए यह संसर्ग काल होता है, इस मौसम में बाघ-बाघिन हमेशा साथ रहते हैं। उनके एकांतवास में जरा सा भी खलल पड़ने पर वे उग्र हो उठते हैं। ऐसे में बाघ बाघिन और ज्यादा खूंखार हो जाते हैं इसलिए बरसात में टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क बंद कर दिए जाते हैं।
प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व अब पर्यटकों के लिए एक अक्टूबर को खोले जाएंगे। इस दौरान बांधवगढ़ सहित प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व के बफर जोन में टाइगर सफारी जारी रहेगी। बफर जोन में पर्यटक बारिश में भी सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे।
मध्यप्रदेश के छह टाइगर रिजर्व में बांधवगढ़, कान्हा, पेंच, सतपुड़ा, पन्ना और संजय धुबरी शामिल हैं। इस बार नौ माह में यहां सात लाख से ज्यादा टूरिस्ट पहुंचे थे।