भारतीय रेलवे की सबसे पुरानी लंबी दूरी की ट्रेनों में से एक पंजाब मेल एक जून 2022 को 110 साल की हो गई है। 110 साल पहले भी यह ट्रेन भोपाल, इटारसी होकर पेशावर और मुंबई के बीच चलती थी। हालांकि आधुनिक तकनीकि के साथ ट्रेन में भी काफी बदलाव हुए हैं। सेंट्रल रेलवे के जनसंपर्क विभाग से मिली जानकारी के अनुसार साल 1912 में ब्रिटिश हुकूमत की शुरू की गई पंजाब मेल, मुंबई के बल्लार्ड पियर से पाकिस्तान के पेशावर तक चलती थी। देश विभाजन के समय ट्रेन कुछ दिनों के लिए अमृतसर से लाहौर के बीच चलाई गई। अब यह भारत- पाक सीमा के फिरोजपुर से मुंबई के लिए व्हाया भोपाल, इटारसी, हरदा, खंडवा होकर चलती है।
ट्रेन की रोचक बातें
-1947 में आजादी के बाद ट्रेन का गंतव्य भारत-पाक सीमा के नजदीक स्थित फिरोजपुर स्टेशन कर दिया है। तब से यह मुंबई से फिरोजपुर कैंट के बीच चलती है।
-पंजाब मेल छह डिब्बों से शुरू हुई थी। आज ये 24 डिब्बों की हो चुकी है। इनमें करीब 1728 यात्री एक साथ सफर कर सकते हैं।
-आजादी से पहले इस ट्रेन को पंजाब लिमिटेड के नाम से जाना जाता था।
-यह ट्रेन 64 साल तक 1912 से 1976 तक भाप इंजन और 1977 से डीजल इंजन तो 2000 के बाद से बिजली के इंजन से चलने लगी।
-1945 तक वातानुकूलित डिब्बों को आइसक्यूब तकनीक से ठंडा कर चलाया जाता था।
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छह राज्यों को जोड़ती है ट्रेन
जानकारी के अनुसार पंजाब मेल ट्रेन देश के छह राज्यों को जोड़ती है। फिरोजपुर कैंट और मुबंई छत्रपति शिवाजी टर्मिनल के बीच दिल्ली, भोपाल, रानी कमलापति, नर्मदापुरम, इटारसी, बानापुरा, हरदा, खिरकिया, खंडवा, होकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनल तक 19३0 किलोमीटर का सफर तय करती है।