महाकाल के खजाने में बीते वर्षों में जमा सोने चांदी के जेवरों का अब खुलासा होगा। मंदिर प्रशासन ने दान में आई कीमती सामग्रियों का भौतिक सत्यापन कराने का निर्णय लिया है। इससे पता चलेगा कि बाबा के खजाने में कितना सोना चांदी व कीमती वस्तुएं हैं। इसके बाद इनकी सुरक्षा के साथ बैंक में रखने जैसी प्रक्रिया होगी।
मंदिर में भक्त मनोकामना पूरी होने पर सोने चांदी व अन्य कीमती सामग्री का दान करते हैं। यह सामग्री मंदिर प्रशासन कोठार में जमा होती है। कोठार में जमा सामग्री की सही जानकारी मंदिर प्रशासन को भी नहीं है। हाल ही में मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में जांच कराने की मांग हुई थी। इसके बाद अब तक के दान के सत्यापन कराने का निर्णय लिया गया।
दान के अलावा मंदिर के नाम की जमीन के रिकार्ड की भी जांच होगी। महाकालेश्वर मंदिर के नाम पर उज्जैन सहित अन्य कई जिलों में भी जमीनें हैं। कई भक्तों ने मंदिर को जमीनें दान की हैं। इनके रिकार्ड एकत्र कर अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
2000 किलो चांदी, एक किलो से ज्यादा सोना
मंदिर समिति ने बताया कि मंदिर के जेवरात कोठार में रखे हैं। यहां करीब दो हजार किलो चांदी है, इसके अलावा एक किलो से ज्यादा सोना भी है। हालांकि प्रक्रिया पूरी होने पर इनकी मात्रा ज्यादा भी हो सकती है। बाबा को चांदी के मुकुट, छत्र व श्रंगार सामग्री भेंट करने की परंपरा है। इसलिए चांदी की मात्रा ज्यादा है।