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भारी बारिश से सिवनी के जोराबाडी गांव में मंगलवार को बाढ़ आ गई। तभी गर्भवती रवीना उइके को प्रसव पीड़ा होने लगी। गांव पानी से घिरा था, सड़कों पर पानी भरा था। अस्पताल जाना तो दूर, घर से निकलना ही नामुमकिन सा था। दैवयोग से गांव की एक प्रशिक्षित दाई घर आ गई और उसने डिलीवरी कराई। रवीना ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।
भारी बारिश से सिवनी के जोराबाडी गांव में मंगलवार को बाढ़ आ गई। तभी गर्भवती रवीना उइके को प्रसव पीड़ा होने लगी। गांव पानी से घिरा था, सड़कों पर पानी भरा था। अस्पताल जाना तो दूर, घर से निकलना ही नामुमकिन सा था। दैवयोग से गांव की एक प्रशिक्षित दाई घर आ गई और उसने डिलीवरी कराई। रवीना ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया।
यह भी पढ़ें : एमपी में प्रसिद्ध कथावाचक का देहांत, भजन गाते हुए गिर पड़े, सामने नाचते रहे भक्त बारिश के कारण जोराबाडी के नाले में उफान आ गया था जिससे गांव में भी पानी भर गया था। संयोगवश मोबाइल काम कर रहे थे और घरवालों ने विकट परिस्थितियों में डॉक्टरों से मदद मांगी। इस पर डॉक्टरों ने दाई को फोन पर निर्देश देते हुए उसे प्रसव कराने को कहा। दाई ने वीडियो कॉल पर सुरक्षित डिलीवरी करा दी।
यह भी पढ़ें : एमपी में जमीन के सबसे बड़े फर्जीवाड़े में घिरे पटवारी, सख्त हुई सरकार बाद में जब नाला उतार पर आया और गांव में पानी कम हुआ तब प्रसूता रवीना और उसने दोनों नवजात बच्चों को एम्बुलेंस से अस्पताल भेज दिया। डॉक्टरों के अनुसार नवजात बच्चों और उनकी मां दोनों की हालत अच्छी है।
बताया जा रहा है कि बाढ़ के कारण उफन रहे नाले की वजह से मेडिकल टीम का प्रसूता के पास तक जाना संभव नहीं था।
गांव की आशा कार्यकर्ता ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीषा सिरसाम को यह बात बताई तो उन्होंने दाई को फोन पर ही डिलीवरी कराने को कहा और वीडियो कॉल पर निर्देश देती रहीं। प्रसव के बाद बच्चों की किलकारी गूंजी तो हर कोई खुशी से झूम उठा।
गांव की आशा कार्यकर्ता ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीषा सिरसाम को यह बात बताई तो उन्होंने दाई को फोन पर ही डिलीवरी कराने को कहा और वीडियो कॉल पर निर्देश देती रहीं। प्रसव के बाद बच्चों की किलकारी गूंजी तो हर कोई खुशी से झूम उठा।