इससे कम से कम 65% युवाओं की नौकरी जाने की आशंका सताती रहती है। यह खुलासा राजधानी के अस्पतालों में विभिन्न समस्याओं को लेकर पहुंचने वाले युवाओं पर अध्ययन के बाद हुआ है।
कब रात के 3 बज जाते हैं पता ही नहीं चलता
शहर के एक बड़े निजी अस्पताल में अनिद्रा और स्क्रीन टाइम ज्यादा स्पेंड करने की वजह से हुई दिक्कतों को लेकर हुई स्टडी से पता चला है कि राजधानी के अधिकतर युवा देर रात तक इंस्टाग्राम रील्स देखते हैं। या फिर नेटलिक्स पर सीरीज देखने से देर रात तक जगते हैं। एक एप से दूसरे एप पर जंपिंग, या फिर एक रील से दूसरी देखने में कब रात के 3 बज जाते हैं। पता ही नहीं चलता। यानी स्मार्टफोन नींद और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को नुकसान पहुंचा रहा है। ये भी पढ़ें: School Holiday: स्कूलों के लिए आदेश जारी, संडे को खुलेंगे, सोमवार को रहेगी छुट्टी
चिकित्सकों की सीख
देर रात किसी को कॉल करने, किसी टेक्स्ट का जवाब देने या पोस्ट के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है। यह कार्य अगले दिन हो सकते हैं। क्योंकि सेहत से ज्यादा जरूरी कुछ नहीं है।फॉलों करें ये रूल्स
-स्मार्टफोन का उपयोग करने के लिए एक विशिष्ट समय तय करें। -स्क्रीन टाइम और शारीरिक गतिविधियों के बीच संतुलन बनाएं। -स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग के खतरों से सावधान रहें। -स्मार्टफोन दूर रखकर पारिवारिक गतिविधियों, कार्यक्रमों में हिस्सा लें। -रात्रि की दिनचर्या बनाएं, ध्यान करें। ताकि आंखों को शांति मिले। -सोने के कमरे को अंधेरा, ठंडा रखें। -सोने से पहले कैफीन और भारी भोजन का सेवन सीमित करें
-ओटीटी पर शो देखने के बजाए पॉडकास्ट या ऑडियो बुक सुनें। -सोने के समय से 30 मिनट पहले फोन व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद कर दें। -रात को फोन को डू नॉट डिस्टर्ब या एयरप्लेन मोड पर रखें।