बिजली के खंभे लगाकर छोड़ दिए
नव निर्मित कॉलोनियों में लाइट को लेकर समस्या ज्यादा है। करोद क्षेत्र में करीब छह कॉलोनियों में ये हाल हैं। बताया गया नगर निगम से एपू्रव नहीं हैं। यहां टैक्स तो लिया जाता है लेकिन उजाला नहीं हो रहा है।
नव निर्मित कॉलोनियों में लाइट को लेकर समस्या ज्यादा है। करोद क्षेत्र में करीब छह कॉलोनियों में ये हाल हैं। बताया गया नगर निगम से एपू्रव नहीं हैं। यहां टैक्स तो लिया जाता है लेकिन उजाला नहीं हो रहा है।
विभागों के विवादों में
उलझा मामला जानकारी के मुताबिक शहर में करीब 70 हजार स्मार्ट लाइट्स लगी हैं। ये नगर निगम, स्मार्ट सिटी, पीडब्ल्यूडी, सीपीए, निजी व हाउसिंग बोर्ड-बीडीए के बीच बंटी हुई हैं। ऐसे में इनके रखरखाव को लेकर भी जिम्मेदारी सभी की अलग-अलग है। इसी के चलते शिकायतों का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इस मामले में कुछ रास्तों पर सीपीए और निगम के बीच विवाद की स्थिति भी बन चुकी है। इनमें एम्स रोड और अलकापुरी रोड प्रमुख हैं। विवाद के चलते लंबे समय तक यहां अंधेरा रहा।
उलझा मामला जानकारी के मुताबिक शहर में करीब 70 हजार स्मार्ट लाइट्स लगी हैं। ये नगर निगम, स्मार्ट सिटी, पीडब्ल्यूडी, सीपीए, निजी व हाउसिंग बोर्ड-बीडीए के बीच बंटी हुई हैं। ऐसे में इनके रखरखाव को लेकर भी जिम्मेदारी सभी की अलग-अलग है। इसी के चलते शिकायतों का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इस मामले में कुछ रास्तों पर सीपीए और निगम के बीच विवाद की स्थिति भी बन चुकी है। इनमें एम्स रोड और अलकापुरी रोड प्रमुख हैं। विवाद के चलते लंबे समय तक यहां अंधेरा रहा।
जहां तक नए खंभे और उपकरण लगाने की बात होती है, हम अभी वो नहीं कर पा रहे। बल्ब, ट्यूब लाइट्स वगैरह तो लगाई जा रही हैं। एलइडी लाइट्स स्मार्ट सिटी लगाती है, मेंटेनेंस भी वही करती है।
प्रेमशंकर शुक्ला,
प्रवक्ता नगर निगम
प्रवक्ता नगर निगम