मोहन यादव सरकार ने शासकीय सेवकों को लुभाने की तैयारी में कदमताल शुरू कर दिया है। इसके लिए प्रदेश के सामान्य प्रशासन ने वित्त विभाग को सेवानिवृत्ति की उम्र में एकरूपता लाने से संबंधित मामला भेजा है। अब वित्त विभाग इस पर आर्थिक बोझ का आकलन करके अपना मत देगा।
बताया जा रहा है कि सब ठीक रहा तो संभावना है कि सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 साल कर दी जाएगी। दरअसल, भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में सेवानिवृत्ति की उम्र में एकरूपता लाने का वादा किया था। इसमें कहीं भी 62 से 65 साल उम्र करने का नहीं लिखा है।
इधर कर्मचारियों की लंबे समय से रिटायरमेंट की उम्र 65 साल करने की मांग है। इसलिए राज्य कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा ने सीएम डॉ. मोहन यादव से इसकी मांग की थी। सीएम सचिवालय ने जीएडी को मामला भेजा, जिसके बाद इसे वित्त विभाग से राय मांगी गई है।
शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति की उम्र में एकरूपता की लंबे समय से मांग की जा रही है। कुछ कर्मचारी संगठन जहां यह उम्र 65 साल करने के पक्ष में हैं वहीं कुछ संगठन 62 साल में ही रिटायर होने की बात कहते रहे हैं। अब सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वित्त विभाग से राय मांगी जाने के बाद मामले में निर्णय होने की उम्मीद बनी है।