ब्लड की एंडीबॉडीज नहीं बनने दे रही थी मां
काटजू अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रचना दुबे ने इस महिला की मां बनने की मुराद पूरी की है। डॉ. रचना दुबे ने बताया कि जांच में पता चला कि नौ बार हुए गर्भपात का कारण मां के ब्लड में बन रही एंटीबॉडीज थीं। जो बच्चे के रेड ब्लड सेल्स को खत्म कर रही थी। उन्होंने बताया कि यह स्थिति तब बनती है जब मां का ब्लड ग्रुप आरएच निगेटिव और गर्भ में पल रहे बच्चे का आरएच पॉजिटिव हो। इसे आरएच नेगेटिव प्रेग्नेंसी कहते हैं। इस स्थिति में समस्या तब बनती है जब मां का इम्यून सिस्टम बच्चे के ब्लड में आरएच फैक्टर को बाहरी पदार्थ के रूप में समझता है। ऐसे में यह बच्चे के रेड ब्लड सेल्स पर हमला करने के लिए एंटीबॉडी बनाने लगता है। जिससे गर्भ में ही बच्चे की मौत हो जाती है। यह भी पढ़ें