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Rare Disease in Woman: महिला की ऐसी बीमारी जो गर्भ में ही बच्चे की ले रही थी जान, 10वीं बार में बनी मां

Rare Disease in Woman: 12 साल में 9 बार गर्भपात का कारण बनी मां के शरीर में बन रही एंटीबॉडीज, सफल इलाज से हुआ 10वीं बार में बच्चे का जन्म..।

भोपालJul 23, 2024 / 10:24 pm

Shailendra Sharma

Rare Disease in Woman
Rare Disease in Woman: मध्यप्रदेश के भोपाल में शादी के बाद 12 साल में नौ बार गर्भपात झेल चुकी एक महिला की मां बनने की मुराद आखिरकार 10वीं बार में पूरी हुई। बार-बार होने वाले गर्भपात से महिला पूरी तरह से टूट चुकी थी लेकिन फिर काटजू अस्पताल में संचालित स्टेट ऑफ सेंटर फॉर प्रिवेन्टिव गायनेकोलॉजी एण्ड इंफर्टिलिटी में हुए इलाज के बाद आखिरकार वो मां बन पाई। डॉक्टर्स के मुताबिक महिला के शरीर में बनने वाली एंडीबॉडीज ही उसे मां नहीं बनने दे रही थीं।

ब्लड की एंडीबॉडीज नहीं बनने दे रही थी मां

काटजू अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रचना दुबे ने इस महिला की मां बनने की मुराद पूरी की है। डॉ. रचना दुबे ने बताया कि जांच में पता चला कि नौ बार हुए गर्भपात का कारण मां के ब्लड में बन रही एंटीबॉडीज थीं। जो बच्चे के रेड ब्लड सेल्स को खत्म कर रही थी। उन्होंने बताया कि यह स्थिति तब बनती है जब मां का ब्लड ग्रुप आरएच निगेटिव और गर्भ में पल रहे बच्चे का आरएच पॉजिटिव हो। इसे आरएच नेगेटिव प्रेग्नेंसी कहते हैं। इस स्थिति में समस्या तब बनती है जब मां का इम्यून सिस्टम बच्चे के ब्लड में आरएच फैक्टर को बाहरी पदार्थ के रूप में समझता है। ऐसे में यह बच्चे के रेड ब्लड सेल्स पर हमला करने के लिए एंटीबॉडी बनाने लगता है। जिससे गर्भ में ही बच्चे की मौत हो जाती है।

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Rare Disease in Woman in bhopal

ऐसे किया इलाज

डॉ. रचना दुबे ने बताया कि आरएच नेगेटिव प्रेग्नेंसी के साथ महिला की बच्चेदानी का मुंह छोटा था। इसलिए गर्भ में जब बच्चा 3 माह का हुआ तो बच्चेदानी के मुंह में टांके लगाए। जिससे गर्भपात न हो। इसके साथ ही महिला में बन रही एंटी बॉडीज को रोकने के लिए गर्भावस्था के दौरान दो बार एंटी डी इंजेक्शन लगाए। जिससे बच्चे के ब्लड सेल्स को कोई नुकसान नहीं हुआ। इस प्रक्रिया के बाद भी सात माह के बाद ही महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी थी। समस्या को बढ़ता देख, बच्चेदानी के टांके खोले गए। साथ ही बच्चे की सुरक्षित डिलीवरी कराई गई। अब जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

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