रक्षा बंधन तिथि – 15 अगस्त 2019, गुरुवार
पूर्णिमा तिथि आरंभ 14 अगस्त -15:45
पूर्णिमा तिथि समाप्त 15 अगस्त- 17:58
भद्रा समाप्त- सूर्योदय से पहले
ग्रहण और भद्रा से मुक्त रहेगा रक्षाबंधन
रक्षाबंधन का त्योहार हमेशा भद्रा और ग्रहण से मुक्त ही मनाया जाता है। शास्त्रों में भद्रा रहित काल में ही राखी बांधने का प्रचलन है। भद्रा रहित काल में राखी बांधने से सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होती है। इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा की नजर नहीं लगेगी। इसके अलावा इस बार श्रावण पूर्णिमा भी ग्रहण से मुक्त रहेगी जिससे यह पर्व का संयोग शुभ और सौभाग्यशाली रहेगा।
क्या है भद्रा काल
मान्यता के अनुसार, जब भी भद्रा का समय होता है तो उस दौरान राखी नहीं बांधी जा सकती। भद्राकाल के समय राखी बांधना अशुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन है। जिस तरह से शनि का स्वभाव क्रूर और क्रोधी है उसी प्रकार से भद्रा का भी है।
भद्रा के उग्र स्वभाव के कारण ब्रह्माजी ने इन्हें पंचाग के एक प्रमुख अंग करण में स्थान दिया। पंचाग में इनका नाम विष्टी करण रखा गया है। दिन विशेष पर भद्रा करण लगने से शुभ कार्यों को करना निषेध माना गया है।
स्वतंत्रता दिवस पर मनाया जायेगा राखी
स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को देशभर में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। यह भाई-बहन के अटूट प्यार और एक-दूसरे की रक्षा करने के संकल्प का पर्व है। रक्षाबंधन का त्योहार सदियों से चला आ रहा है। हिंदूओं के लिए इस त्योहार का विशेष महत्व होता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधती हैं।