फॉर्मूलों को दिन में तीन बार पढ़ें
एक्सपर्ट सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि जेईई मेन्स और जेईई एडवांस की तैयारी में बहुत फर्क होता है। एडवांस के लिए इनडेफ्थ नॉलेज चाहिए। स्टूडेंट्स को थ्योरेटिकल रिव्यू अच्छे से करना होगा। स्टूडेंट्स जेईई की तैयारी दो से तीन साल पहले ही शुरू कर देते हैं तो अब वीकप्वाइंट के लिए परेशान होने की बजाए अपनी स्ट्रैन्थ पर ध्यान दें। जिन टॉपिक्स में कॉन्सेप्ट क्लियर हैं, उस पर ही फोकस करें। आइआइटी के लिए कटऑफ 37 से 38 प्रतिशत तक ही रहता है ऐसे में 70 प्रतिशत कोर्स में भी परफेक्शन है तो अच्छी रैंक मिलेगी। स्टूडेंट्स टाइम मैनेज करने के लिए कैमेस्ट्री को जल्दी सॉल्व कर बचा समय मैथ्स को देते हैं। इसके लिए फॉर्मूला याद रखना जरूरी है। इन्हें दिन में तीन बार जरूरी पढ़ें।
टाइम मैनेजमेंट सीखना होगा
एक्सपर्ट केके पांडे के अनुसार कम से कम दस सालों के पेपर रिवाइज करें। जो इंपोर्टेट टॉपिक्स हैं, उनके रीविजन पर ज्यादा ध्यान दें। कैमेस्ट्री में ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक पर ही फोकस रहता है। ज्यादातर सवाल एनसीइआरटी आधारित पूछे जाते हैं। अगर एनसीइआरटी बुक्स पर फोकस बढ़ाया जाए, तो इस सब्जेक्ट में स्कोरिंग अच्छी होगी। मैथ्स में कोऑर्डिनेट जेमेट्री, 3-डी वेक्टर, इंटीग्रेशन और डिफरेंशियल ईक्वेशंस को जरूर ध्यान से पढ़ लें। जेईई एडवांस्ड में हर साल की तरह इस बार भी कुछ सरप्राइज पैटर्न देखने को मिलेगा। प्रतिदिन 8 से 10 घंटे पढ़ाई जरूर करें। मॉक टेस्ट देंगे तो एग्जाम में तीनों सब्जेक्ट के टाइम डिस्ट्रीब्यूशन को समझ पाएंगे। हर बार टेस्ट को एनालिसिस करेंगे तो नेगेटिव मार्किंग से भी बच सकेंगे।
अब नया टॉपिक बिल्कुल ना शुरू करें
एक्सपर्ट मितेश राठी ने बताया कि जिन टॉपिक्स को आपने पढ़ा है उन्हीं का रिवीजन करें। जेईई के लिए जो नोट्स तैयार किया है, उन्हें पढि़ए। फिजिक्स, कैमिस्ट्री जैसे सब्जेक्ट्स के फॉर्मूला को ज्यादा से ज्यादा दोहराते रहें। एग्जाम के दौरान स्टूडेंट्स अक्सर कुछ फॉर्मूला की वजह से सवाल नहीं हल कर पाते। एग्जाम में अब ज्यादा समय नहीं है तो पढ़े गए टॉपिक्स की ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें। जितना हो सके सब्जेक्ट्स को दोहराते रहें और क्वेश्चन बैंक को भी ध्यान से पढ़ते रहें। कम से कम पिछले तीन साल के जेईई क्वेश्चन पेपर जरूर पढ़ लें। इसके लिए मिनिमम और पर्याप्त स्टडी मटेरियल 12वीं का कोर्स ही है। इसलिए कोर्स को बढ़िया से दोहराए और जितना हो सके एनसीइआरटी की बुक्स पढ़ें। कॉन्सेप्ट क्लीयर रहेंगे तो स्पीड और एक्यूरेसी अपने आप आएगी। इसलिए रटने की बजाए कॉन्सेप्ट को समझें।