यूं गरमाता गया सदन
0 रामनिवास रावत: गंभीर चर्चा हो रही है। सदन में मुयमंत्री, गृहमंत्री नहीं हैं।
0 बाला बच्चन: जिनके पास गृह मंत्रालय है वे भी सदन में नहीं हैं।
0 मंत्री तुलसीराम: सीएम कल हरदा से आए। वे बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। चिंता न करें।
0 मंत्री विश्वास सारंग: सीएम अपने कक्ष में हैं। कार्यवाही सुन रहे हैं।
0 राम निवास रावत: कक्ष से सदन चलेगा?
0 नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार: इतनी गंभीर घटना है, सीएम कक्ष में हैं। वे संवेदनशील हैं तो उन्हें आना चाहिए।
0 मंत्री उदयप्रताप: तुरंत सरकार ने एक्शन लिया। इलाज की व्यवस्था की। मंगलवार को फैक्ट्री में छुट्टी थी, इसलिए मौतें कम हुईं।
0 उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत: उस दिन वेतन बंटता था, श्रमिक ज्यादा थे। मौतें छिपा रही है सरकार।
पक्ष-विपक्ष की जांच टीम बनाने को तैयार: सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, घटना के बाद पहली प्राथमिकता लोगों की जान बचाने की थी। हादसा कई गुना हो सकता था, लेकिन सरकार ने तत्काल सभी तरह के प्रबंधन किए। घायलों को बिना देर किए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अस्पताल पहुंचाया। 100 से ज्यादा फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की गई। जिनकी मौत हुई है, जो घायल हैं, उनके साथ सरकार खड़ी है। विपक्ष के निष्पक्ष जांच की मांग पर सीएम ने कहा, वे पक्ष-विपक्ष के सदस्यों की टीम बनाने को भी तैयार हैं।
जहां हादसा हुआ, वहां पीएम आवास नहीं देना था
सीएम ने कहा, विस्फोट में एक महिला का हाथ उड़ गया। वह हमीदिया में भर्ती है। मैंने उससे बात की। जहां हादसा हुआ, वहां पीएम आवास नहीं देना चाहिए था। बस्ती बसाने के लिए कौन दोषी है, इसकी जांच होगी। कार्रवाई भी करेंगे।
12 पटाखा फैक्ट्री सील, एक शव और मिला
हरदा. पटाखा फैक्ट्री सोमेश फायर वर्क्स में धमाके के बाद गुरुवार को प्रशासन ने जिले की सभी 12 पटाखा फैक्ट्री सील कर दी। फैक्ट्रियों से और फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल के घर से मिले पटाखे नष्ट किए। उसके परिवार के लाइसेंस भी रद्द किए। हादसे में हुई 14 मौतों के बाद एक महिला का शव भी मिला है। कई लापता हैं। इधर, देर रात सिराली मे नगरपालिका की कचरा गाड़ी से पांच क्विंटल से ज्यादा सुतली बम नहर किनारे फेंके गए।
ये लापता: परिजनों ने मांगीलाल रामनारायण (45), गणेश रामेश्वर (8), जेबुन-बी (50), कैलाश राजू (23), धारा सिंह, रोहित पटेल को ढूंढऩे की तहसीलदार से गुहार लगाई है।
धमाके से 10 साल बाद भी नहीं उबर सके श्रमिक
पटाखे का कच्चा सामान राजेश अग्रवाल श्रमिकों को घर तक भेजता था। इससे पहले भी घरों में विस्फोट हुए। मौतें हुई। इसमें झुलसे अवधेश नामदेव का बेटा मोहित 10 साल बाद भी ठीक से नहीं सुन पाता। तीन साल की परी भी झुलसी थी। गुरुवार को बस्ती में घरों से सुतली बम मिले।
पर्यावरण को सुधारने एनजीटी ने दिए 20 लाख
भोपाल. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) सेंट्रल जोन बेंच ने हरदा में पर्यावरण सुधार के लिए 20 लाख रुपए दिए हैं। यह नियम तोडऩे वाले पटाखा वसूले थे। इसके उपयोग के लिए समिति बनाई है।